Haridwar Stampede: पति की मौत से बेखबर उर्मिला घंटों करती रही लौटने का इंतजार, गहरे सदमे में परिवार का हर सदस्य
Haridwar Stampede उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से हरिद्वार आए 17 श्रद्धालुओं के जत्थे में 50 वर्षीय वकील की भगदड़ में मौत हो गई। गंगा स्नान के बाद मनसा देवी मंदिर जाते समय करंट लगने की अफवाह से भगदड़ मच गई। वकील के साथ फूलमती नामक महिला भी घायल हो गई जिसे एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया। वकील अपने पीछे पत्नी और पांच बच्चों को छोड़ गए हैं।

मनीष कुमार,हरिद्वार। गंगा स्नान और मां मनसा देवी के दर्शन को बाराबंकी (उप्र) से 17 श्रद्धालुओं का जत्था शनिवार को ही धर्मनगरी पहुंच गया था। रविवार को गंगा स्नान बाद मां मनसा देवी के दर्शन को जत्थे में शामिल हर एक सदस्य के चेहरे पर आस्था की चमक और दिलों में भक्ति की उमंग थी।
सुबह का समय था। जत्था पैदल मां मनसा देवी मंदिर की सीढ़ियों की ओर बढ़ रहा था। तभी अचानक करंट उतरने की अफवाह फैली और इस अफवाह ने पूरे माहौल को अफरा-तफरी में बदल दिया। ऊपर से कुछ युवक लोगों को धक्का मारते हुए नीचे की ओर भागने लगे। भगदड़ और चीख पुकार मची।
जत्थे में शामिल 50 वर्षीय वकील और 45 वर्षीय फूलमती धक्कामुक्की में गिर पड़े। जब तक लोग कुछ समझ पाते, वकील की सांसें थम चुकी थीं। फूलमती गंभीर रूप से घायल हो गयी थीं।
जिला अस्पताल की मोर्चरी के बाहर यह बताते जत्थे में शामिल श्रीप्रकाश की आंखें भर आती है। बताते हैं कि जैसे-तैसे दोनों को लेकर वह और जत्थे में शामिल कुछ लोग जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डाक्टरों ने वकील को मृत घोषित कर दिया। वहीं गंभीर घायल फूलमती को एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया। फूलमती के साथ उसके भाई-बहन और बहनोई भी ऋषिकेश एम्स में ही हैं।
बताया कि वकील की पत्नी उर्मिला को भी चोटें आयी हैं। वह कुछ अन्य सदस्यों के साथ धर्मशाला में ही है। इस बात से अनजान कि उनके जीवनसाथी अब इस दुनिया में नहीं हैं। बताया कि वकील की मौत की सूचना बाराबंकी में उनके भाइयों सुरेश और रामसागर को दे दी गयी है। परिवार का हर सदस्य गहरे सदमे में है। वकील के पांच बच्चे- दो बेटियां और तीन बेटे हैं। किसी की भी अभी शादी नहीं हुई है।
खेती-किसानी कर जैसे-तैसे अपने बच्चों का भविष्य संवारने की कोशिश कर रहे वकील, अब इस दुनिया में नहीं है किसी को भी यकीन नहीं हो रहा। इस हादसे ने सिर्फ एक व्यक्ति की जान नहीं ली बल्कि एक पूरे परिवार की उम्मीदें, सपने और सहारे को छीन लिया। वकील की पत्नी के लिए यह यात्रा कभी ना भूलने वाला दुःस्वप्न बन गयी है। एक ऐसी तीर्थयात्रा जो उन्हें अकेला और टूटे हुए दिल के साथ घर लौटने पर मजबूर करेगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।