Updated: Mon, 28 Jul 2025 08:44 AM (IST)
Haridwar Stampede सावन में मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई। रविवार को हुई भगदड़ पुलिस प्रशासन और मंदिर समिति की लापरवाही का नतीजा थी। मंदिर जाने और आने का रास्ता एक ही होने और सुरक्षाकर्मियों की कमी के कारण स्थिति और बिगड़ गई। भीड़ को नियंत्रित करने में विफलता के कारण यह दर्दनाक हादसा हुआ।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। सावन में आस्था का केंद्र बने मनसा देवी मंदिर में रविवार को हुई भगदड़ ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। हादसे की वजह सिर्फ भीड़ ही नहीं, बल्कि उससे निपटने की तैयारियों में हुई गंभीर चूक भी शामिल है।
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यह हादसा पुलिस, प्रशासन, आपदा प्रबंधन, मंदिर समिति और राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन की सामूहिक विफलता का नतीजा है। कांवड़ मेला समाप्त होने के बाद भी हरिद्वार में शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। बावजूद इसके अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
उमड़ पड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
नतीजा यह हुआ कि रविवार तड़के तीन बजे से ही मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन, इस ओर न तो किसी अधिकारी ने नजर डाली और न किसी स्तर पर कोई जिम्मेदार ही सक्रिय हुआ। घटना में घायल हुए फरीदाबाद निवासी संतोष कुमार ने कहा कि एक ही रास्ते पर श्रद्धालु मंदिर की ओर जा और आ भी रहे थे। रास्ते अलग-अलग होने चाहिए थे।
पूरे रास्ते में कहीं भी कोई पुलिस कर्मी नहीं दिखा। जब हादसा हुआ तब तीन-चार पुलिस कर्मी मंदिर से निकलकर आए। यह भी कहा जा रहा कि कांवड़ मेला खत्म होते ही मंदिरों की सुरक्षा में तैनात कई पुलिस कर्मियों की ड्यूटी हटा ली गई थी। जबकि, सावन में हर दिन मनसा देवी में भीड़ बढ़ती है। वीकेंड पर तो यह भीड़ और अधिक हो जाती है।
मनसा देवी सीढ़ी मार्ग से हर रोज आम दिनों में जहां छह से आठ हजार श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं, वहीं रविवार सुबह कुछ ही घंटों में यह संख्या 10 हजार के पार पहुंच गई। मंदिर की ऊपरी सीमा पहले ही भर चुकी थी, बावजूद इसके निचले हिस्से से श्रद्धालुओं का ऊपर चढ़ना लगातार जारी रहा। यदि समय रहते मंदिर प्रशासन और पुलिस ने नीचे से भीड़ को रोका होता या वैकल्पिक मार्ग पर भीड़ नियंत्रित की होती तो यह दर्दनाक हादसा टाला सकता था।
राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में स्थित इस मार्ग पर वन विभाग और आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी भी बनती है, मगर इनकी उपस्थिति भी घटनास्थल पर नहीं दिखी। हादसा होने के बाद ही सभी विभागों की मशीनरी हरकत में आई।
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