Haridwar Stampede: मनसा देवी मंदिर के पास भगदड़, छह श्रद्धालुओं की मौत; 40 घायल
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर मार्ग पर रविवार को भगदड़ मचने से छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 घायल हो गए। करंट फैलने की अफवाह और अतिक्रमण के कारण भगदड़ हुई। मुख्यमंत्री धामी ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और स्थिति नियंत्रण में है। सीढ़ी मार्ग पर भीड़ अधिक होने से हादसा हुआ।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। प्रसिद्ध मनसा देवी मार्ग पर रविवार को श्रद्धा की चढ़ाई मौत की ढलान बन गई। मंदिर परिसर से 100 मीटर पहले सीढ़ी मार्ग पर सुबह सवा नौ बजे के करीब दर्शन के लिए उमड़ी भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। करंट फैलने की अफवाह के बीच भीड़ बेकाबू हो गई और सीढ़ियों की रैम्प पर लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए। इसी
बीच मंदिर का गेट बंद किए जाने की अफवाह भी फैली। इस हादसे में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई, मरने वाले श्रद्धालु उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड के निवासी हैं। जबकि 40 अन्य घायल हुए हैं। 15 घायलों को ऋषिकेश एम्स में भेजा गया।
17 श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दी गई, जबकि अन्य का उपचार जिला अस्पताल हरिद्वार में चल रहा है। घायलों का हालचाल जाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हरिद्वार जिला अस्पताल में पहुंचे, घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़
हरियाली तीज का पर्व होने के साथ रविवार के दिन मनसा देवी मंदिर के दर्शन पूजन के लिए सुबह के समय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। चश्मदीदों के अनुसार सुबह सवा नौ बजे भीड़ में से कुछ लोग मंदिर तक जल्दी पहुंचने के लिए सुरक्षा दीवार के ऊपर चढ़ने लगे। जहां रास्ते के एक हिस्से में लगी दुकानों की तिरपाल की रस्सियां और दुकानों में आ रहे बिजली के तारें भी थी।
शायद तिरपाल की रस्सी के साथ तार भी टूटी। तभी किसी ने ‘करंट’ फैलने की बात कही। फिर 100 मीटर क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। लोग सीढ़ियों के रैंप पर फिसलने लगे और मंदिर के गेट की ओर से बेकाबू भीड़ गिरकर पड़े लोगों को कुचलते हुए नीचे की ओर आई। जिसमें यह बड़ा हादसा हुआ।
हालांकि हरिद्वार पुलिस और प्रशासन ने करंट फैलने की खबर को अफवाह करार दिया है। चश्मदीदों के अनुसार मंदिर की ओर जाने और दर्शन करके लौटने का एक ही मार्ग होने से भीड़ अनियंत्रित हुई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस मौजूद नहीं दिखी।
हादसे के दौरान ढाई किलोमीटर लंबे मनसा देवी पैदल सीढ़ी मार्ग पर दस हजार से अधिक श्रद्धालु थे। सारे श्रद्धालु जान बचाने को दौड़ते भागते वापस लौटे। जिस स्थान पर भगदड़ हुई, वहां पैदल रास्ता करीब दस फुट चौड़ा है। परंतु पांच फुट पर अतिक्रमण करने वालों ने अपनी दुकानें सजाई हुई हैं। जिससे श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए बेहद ही कम स्थान है। इस हादसे के घायलों को रोपवे के जरिये सड़क मार्ग तक लाया गया। इस दौरान पुलिस प्रशासन की टीम ने काफी सक्रियता दिखाई।
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने हादसे का कारण भीड़ अधिक होने और अफवाह फैलने से हुआ है।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि घटना के बाद वायरल वीडियो और तस्वीरों में किसी तरह के विद्युत प्रवाह का प्रमाण नहीं मिला। जो भी अफवाह फैली है, उसकी जांच कराई जा रही है। उपजिलाधिकारी जितेंद्र कुमार को मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट 15 दिनों के अंतराल में देने के निर्देश दिए गए हैं।
हर बार दोहराई जाने वाली लापरवाही
हरिद्वार : मनसा देवी मंदिर देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। सावन में लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए तीन रास्ते हैं। इनमें एक रास्ता रैम्प वाला है। जो हिलबाइपास से होकर जाता है।
यह मार्ग लंबा होने के कारण इसका उपयोग केवल बाइक व स्कूटी सवार श्रद्धालु कर पाते हैं। दूसरा प्रमुख मार्ग रोपवे का है। जबकि तीसरा प्रमुख मार्ग सीढ़ी वाला है। इसका सबसे अधिक उपयोग होता है। मनसा देवी मंदिर का यह मार्ग हरकी पैड़ी क्षेत्र से जुड़ता है। ढाई किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर 800 से अधिक सीढ़ियां और कुछ स्थानों पर लंबे रैम्प भी हैं।
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