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    Haridwar News: मुख्यमंत्री राहत कोष में संतों ने दी 34 लाख की धनराशि, अखाड़ा परिषद ने निभाई अग्रणी भूमिका

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 11:39 AM (IST)

    हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के संतों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 34 लाख रुपये का दान दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संत समाज के योगदान की प्रशंसा की और कहा कि उनका सहयोग आपदा प्रभावितों के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण है। संतों ने मुख्यमंत्री के राहत कार्यों की निगरानी की भी सराहना की और एक गांव को गोद लेने का संकल्प लिया।

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    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राहत राशि का चेक देते हुए संत। जागरण

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से डामकोठी, हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर परिषद ने हाल ही में उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 34 लाख की सहयोग राशि प्रदान की।

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    अखाड़ा परिषद के संतों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रभावित क्षेत्रों में जाकर सीधे संवाद करने और राहत कार्यों की निगरानी करने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आपदा के इस कठिन समय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है।

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अखाड़ा परिषद के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड की सेवा परंपरा में साधु-संत समाज का योगदान सदैव अग्रणी रहा है। आपदा के इस कठिन समय में संत समाज का सहयोग न केवल पुनर्निर्माण में सहायक है, बल्कि यह प्रभावित लोगों के लिए आशा और संबल की किरण भी बनती है। यह प्रयास अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा दायक है।

    उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य कर रही है, और समाज के सहयोग से इन कार्यों को और गति मिल रही है। परिषद ने एक आपदा प्रभावित गांव को गोद लेने का भी सेवा और संवेदना का प्रेरक संकल्प लिया, जिसे मुख्यमंत्री ने अनुकरणीय बताया।

    इस अवसर पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़े के श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज, श्रीपंचायती नया अखाड़ा उदासीन अध्यक्ष श्रीमहंत धुनी दास, महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद, बाबा हठयोगी, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, राज्यमंत्री देशराज कर्णवाल, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल आदि मौजूद रहे।