Haridwar: 'ओम-अल्लाह' विवाद पर संतों की प्रतिक्रिया, कहा- मुस्लिम अल्लाह की जगह ओम का उच्चारण करने को स्वतंत्र
Haridwar News निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि मौलाना अरशद मदनी को इस बात का भ्रम है कि ओम और अल्लाह एक ही है। श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने मुस्लिम समुदाय से आह्वान किया कि वह अल्लाह की जगह ओम का उच्चारण करने को स्वतंत्र हैं।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: Haridwar News: धार्मिक सद्भाव को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के तीन दिनी महाधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी के ओम और अल्लाह को एक बताने पर उठे विवाद पर हरिद्वार के संतों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
मौलाना अरशद मदनी को भ्रम
निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि मौलाना अरशद मदनी को इस बात का भ्रम है कि ओम और अल्लाह एक ही है। उन्हें यह नहीं पता कि ओम, ब्रह्मा-विष्णु और महेश का स्वरूप है।
ओम, आकार, ऊकार और माकार है। आकार है ब्रह्मा, ऊकार है भगवान विष्णु और माकार है शिव। वह आदि हैं और आदि से ओम है। इसके विपरीत अल्लाह तो मैसेंजर (दूत) मात्र हैं, जो एक मैसेज लेकर आए और एक पंथ चलाया। दोनों को एक बताना या फिर दोनों की तुलना करना एक भ्रम के अलावा कुछ नहीं। उन्हें यह भ्रम जल्द दूर कर लेना चाहिए।
अल्लाह की जगह ओम का उच्चारण करने को स्वतंत्र
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (निरंजनी) के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने मौलाना अरशद मदनी के कथन का समर्थन कर रहे मुस्लिम समुदाय से आह्वान किया कि वह अब अल्लाह की जगह ओम का उच्चारण करने को स्वतंत्र हैं। वह ऐसा करते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।
उन्होंने कहा कि ओम और अल्लाह को एक बताना, ओम की तुलना अल्लाह से करना बेमानी है, क्योंकि अल्लाह को आए 14 से 15 सौ वर्ष हुए हैं, जबकि सनातन संस्कृति का अभिन्न हिस्सा ओम लाखों वर्ष पुराना है। ओम ईश्वर का स्वरूप है, जबकि अल्लाह तो एक दूत मात्र।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (महानिर्वाणी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने मौलाना अरशद मदनी को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि धार्मिक सद्भावना के नाम पर इस तरह की कुचेष्टा को सहन नहीं किया जाएगा। मौलाना अरशद मदनी को इस तरह की हरकतों के बाज आना चाहिए।
उन्होंने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के तीन दिवसीय सम्मेलन में भाग लेने गए हिंदू संतों को इस तरह के सम्मेलन से दूर रहने की सलाह दी। साथ ही, चेताया कि यदि दोबारा उन्होंने इस तरह का दुस्साहस किया तो उन्हें संत समाज से बाहर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि धार्मिक सद्भावना की आड़ में सनातन पर होने वाले हर हमले का मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा।
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