Jammu की ओर जाने वाले यात्री परेशान, रुड़की-अंबाला रूट की सबसे जरूरी ट्रेन क्यों नहीं चली?
उत्तरी रेलवे ने भूस्खलन के कारण बंद 16 ट्रेनों को शुरू करने की घोषणा की है पर रुड़की-अंबाला रूट की हेमकुंट एक्सप्रेस अभी भी बंद है। त्योहारों में यात्रियों को अतिरिक्त ट्रेन की उम्मीद थी पर हेमकुंट एक्सप्रेस के बंद होने से परेशानी बढ़ गई है। रुड़की सहारनपुर और हरिद्वार के यात्रियों को जम्मूतवी जाने में दिक्कत हो रही है। रेलवे ने बाकी ट्रेनें शुरू कर दी हैं।

जागरण संवाददाता, रुड़की। जम्मू मंडल में जलभराव और भूस्खलन से बंद पड़ी ट्रेनों का संचालन अब पटरी पर लौट आया है। उत्तर रेलवे मुरादाबाद मंडल ने 16 ट्रेनों के संचालन को बहाल करने का एलान कर दिया है। लेकिन रुड़की–अंबाला रूट पर अहम मानी जाने वाली हेमकुंट एक्सप्रेस अब भी ठप है।
हालांकि त्योहारों पर जहां यात्रियों को अतिरिक्त ट्रेन की उम्मीद थी, वहीं उल्टा हाल यह है कि रुड़की–अंबाला रूट की पुरानी कड़ी हेमकुंट एक्सप्रेस तक ठप पड़ी है। जम्मू जाने वाली 16 ट्रेनें भले पटरी पर लौट आई हों, लेकिन नवरात्र, दशहरा, दीवाली जैसे महत्वपूर्ण त्यौहारी सीजन में हेमकुंट एक्सप्रेस के ठप रहने से हजारों यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई है।
त्योहारों पर जहां रेलवे आमतौर पर अतिरिक्त गाड़ियां चलाकर यात्रियों को राहत देता है, वहीं इस बार हालात उल्टे हो गए हैं। न नई ट्रेन मिली और न ही पुरानी हेमकुंट एक्सप्रेस को ही बहाल किया गया। नतीजा यह कि रुड़की, सहारनपुर और हरिद्वार मंडल के यात्रियों को जम्मूतवी की ओर श्रीमाता वैष्णो देवी सफर करने में रोजाना भारी दिक्कत झेलनी पड़ रही है।
रेलवे मुरादाबाद मंडल के अनुसार 12470 जम्मूतवी-कानपुर, 12469 कानपुर-जम्मूतवी, 14606 जम्मूतवी-योगनगरी, 14605 योगनगरी-जम्मूतवी, 14692 जम्मूतवी-बनारस, 14691 बनारस-जम्मूतवी, 22317 सियालदह-जम्मूतवी, 22318 जम्मूतवी-सियालदह, 15653 गुवाहाटी-जम्मूतवी, 15654 जम्मूतवी-गुवाहाटी, 15097 भागलपुर-जम्मूतवी, 12588 जम्मूतवी-गोरखपुर, 12587 गोरखपुर-जम्मूतवी, 15098 जम्मूतवी-भागलपुर, 15651 गुवाहाटी-जम्मूतवी और 15652 जम्मूतवी-गुवाहाटी ट्रेनों का संचालन 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक तय तिथियों से शुरू होगा।
वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक आदित्य गुप्ता का कहना है कि इन ट्रेनों के बहाल होने से जम्मू की ओर यातायात सामान्य हो जाएगा। लेकिन हैरानी की बात यह है कि हेमकुंट एक्सप्रेस को अभी भी ट्रैक पर नहीं उतारा गया है। यह ट्रेन रुड़की, सहारनपुर और हरिद्वार क्षेत्र के यात्रियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इसके जरिए दिल्ली से लेकर जम्मूतवी तक सीधी कनेक्टिविटी मिलती है।
जबकि इनमें जम्मूतवी-कानपुर, जम्मूतवी-योगनगरी, गुवाहाटी-जम्मूतवी और सियालदह-जम्मूतवी जैसी लंबी दूरी की गाड़ियां शामिल हैं। लेकिन हेमकुंट एक्सप्रेस का नाम इस सूची में नहीं है। यही ट्रेन दिल्ली से जम्मूतवी तक सीधे सफर का सबसे सुविधाजनक साधन है और रुड़की–सहारनपुर रूट की जान मानी जाती है।
इसके ठप रहने से यात्रियों को मजबूरी में बसों या वैकल्पिक ट्रेनों का सहारा लेना पड़ रहा है। वही रेलयात्रियों का कहना है कि रेलवे ने बाकी ट्रेनों को तो पटरी पर ला दिया है। लेकिन हेमकुंट एक्सप्रेस को नजरअंदाज कर दिया। दशहरा, नवरात्र और दीपावली के सीजन में जब भीड़ चरम पर होती है, उस वक्त इस ट्रेन का बंद रहना लोगों के लिए दोहरी मुसीबत बन गया है।
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