गर्भवती महिला को नहीं किया भर्ती... फर्श पर ही हो गया प्रसव, मामले में डॉक्टर समेत दो नर्सों पर गिरी गाज
हरिद्वार के महिला अस्पताल में प्रसूता को फर्श पर बच्चा जनने के मामले में डॉक्टर सलोनी पंत की लापरवाही उजागर हुई। जांच में दोषी पाए जाने पर सीएमओ ने डॉक्टर की सेवाएं समाप्त कर दीं साथ ही दो नर्सों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। डॉक्टर ने प्रसूता को भर्ती नहीं किया था जिसके चलते यह घटना घटी। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आई है।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। महिला अस्पताल में गर्भवती के फर्श पर ही बच्चा जनने के मामले में चिकित्सक डा. सलोनी पंत की लापरवाही सामने आई है। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. आरवी सिंह की ओर से की गई जांच में प्रथम दृष्टया डाॅ. सलोनी पंत दोषी पाई गई हैं।
इस पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरके सिंह ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चिकित्सक की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। वहीं उस दौरान ड्यूटी पर तैनात दो स्टाफ नर्स ज्ञानेंद्री और वंशिका मित्तल की लापरवाही भी सामने आई है। इस पर उनकी सर्विस बुक में प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने की कार्रवाई की गई है।
यह है पूरा मामला
सोमवार रात महिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा से परेशान गर्भवती महिला उपचार के लिए पहुंची थी, महिला अस्पताल में उस वक्त ड्यूटी पर तैनात डा. सलोनी ने प्रसूता को केवल देखकर ही घर जाने के लिए कहा और उसे भर्ती नहीं किया गया। इससे प्रसूता की हालत बिगड़ गई और उसने फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। जब महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया, तब जाकर उसे भर्ती किया गया।
स्वजनों ने पूरे मामले की शिकायत सीएमओ डा. आरके सिंह से की। तब कहीं जाकर स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी और जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. आरवी सिंह के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच की गई।
जांच में प्रथम दृष्टया पूरे मामले में डा. सलोनी पंत और दो स्टाफ नर्स को दोषी पाया गया। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि डाक्टर ने समय पर प्रसूता को भर्ती नहीं किया। इसके चलते प्रसूता ने बच्चे को फर्श पर ही जन्म दे दिया।
पूरे मामले में दोनों नर्सों पर भी कार्रवाई की गई है। उन्होंने भी प्रसूता को भर्ती करने में कोई रुचि नहीं दिखायी। डा. सलोनी पंत एक वर्ष से महिला अस्पताल में चिकित्साधिकारी के पद पर संविदा पर तैनात थीं।
हालांकि, उनका अनुबंध मंगलवार को समाप्त हो गया था। वहीं इस पूरे प्रकरण में अस्पताल प्रबंधन की भी लापरवाही देखी गई है। सीएमओ डा. आरके सिंह ने बताया कि डाक्टर का अनुबंध दोबारा नवीनीकृत नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक को भी सख्त चेतावनी दी गई है कि अगर इस प्रकार के मामलों की पुनरावृत्ति हुई तो उन पर भी कार्यवाही की जाएगी।
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