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    Haridwar Land Scam: नगर निगम जमीन घोटाले में बड़ा एक्‍शन, प्रॉपर्टी डीलरों व नेताओं के 16 खाते फ्रीज

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 03:15 PM (IST)

    हरिद्वार नगर निगम जमीन घोटाले में विजिलेंस ने प्रॉपर्टी डीलरों और नेताओं के 16 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है जिनमें किसानों ने 13 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। निगम ने सराय क्षेत्र में 54 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी थी जबकि उसकी कीमत कम थी। जांच के बाद कई अधिकारियों को निलंबित किया गया है और विजिलेंस जल्द ही मुकदमा दर्ज कर सकती है।

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    विक्रेताओं ने 16 बैंक खातों में ट्रांसफर किए थे 13 करोड़ रुपये। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार। नगर निगम जमीन घोटाले की जांच कर रही विजिलेंस ने ऐसे 16 बैंक खातों को चिह्नित किया है, जिनमें जमीन बेचने वाले किसानों ने 13 करोड़ की रकम ट्रांसफर की थी। बैंक खाताधारक हरिद्वार के कुछ प्रॉपर्टी डीलर, नेता व किसानों के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं।

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    विजिलेंस ने तत्काल प्रभाव से इन बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि बहुत जल्द विजिलेंस इस मामले में मुकदमा दर्ज कराएगी। जिसके बाद कई आरोपितों की गिरफ्तारियां होनी तय हैं।

    नगर निगम ने सराय क्षेत्र में जितेंद्र यादव, धनपाल व सुमन देवी से 54 करोड़ रुपए में जमीन खरीदी थी। जमीन खरीदने से एक हफ्ते पहले तक उसकी कीमत महज 15 करोड़ रुपये थी। पूरी प्लानिंग के तहत करोड़ों रुपये ठिकाने लगाने के लिए पहले भूमि की श्रेणी बदली गई और फिर महंगी कीमत में जमीन खरीदकर सरकारी धन की बंदरबांट की गई। घोटाला सामने आने के बाद शासन ने आइएएस अधिकारी रणवीर चौहान को जांच सौंपी थी। इसके साथ ही तीनों विक्रेताओं के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया था।

    इन खातों में 34 करोड़ रुपए बताए गए हैं। इसके बाद शासन ने हरिद्वार के तत्कालीन जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह, जमीन खरीदने के समय नगर आयुक्त रहे वरुण चौधरी और एसडीएम रहे अजयवीर सिंह सहित 10 अधिकारी कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया था।

    फिलहाल इस घोटाले की जांच आइपीएस अधिकारी रचिता जुयाल के नेतृत्व में विजिलेंस की टीम कर रही है। विजिलेंस ने सबसे पहले उन बैंक खातों की कुंडली खंगाली, जिनमें किसानों ने रकम ट्रांसफर की। ऐसे 16 बैंक खाते चिह्नित होने के बाद विजिलेंस ने इन खातों को फ्रीज कर दिया। सूत्र बताते हैं कि विक्रेताओं ने इन 16 खातों में कुल 13 करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर की थी।

    ये खाते हरिद्वार के कई प्रॉपर्टी डीलर, नेता और किसानों के रिश्तेदारों के बताए जा रहे हैं। सूत्र ये भी बताते हैं कि विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कराने लायक सुबूत जुटा लिए हैं और किसी भी एक टीम हरिद्वार आकर मुकदमा दर्ज करा सकती है। इसके बाद घोटाले में शामिल आरोपितों की गिरफ्तार की जाएंगी।

    सात करोड़ में ट्रांसपोर्टनगर में खरीदी जमीन

    हरिद्वार : विजिलेंस की जांच में यह भी सामने आया है कि नगर निगम को जमीन बेचकर करोड़ों रुपये मिलने के बाद विक्रेताओं ने ज्वालापुर में सराय रोड पर स्थित ट्रांसपोर्टनगर में एचआरडीए से सात करोड़ रुपये की जमीन खरीदी थी। इन सात करोड़ रुपये को भी विजिलेंस ने होल्ड करते हुए फ्रीज कर दिया है। ऐसा बताया गया है कि विक्रेताओं ने अपनी जमीन बेचकर आगे निवेश करने के लिए एचआरडीए की ओर से विकसित ट्रांसपोर्टनगर में जमीन खरीदी थी।