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    पीपीपी मोड में चलेगा हरिद्वार मेडिकल कालेज, नहीं बढ़ेगी फीस; सड़क पर उतरे छात्र

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Thu, 09 Jan 2025 03:04 PM (IST)

    Haridwar Medical College हरिद्वार के राजकीय मेडिकल कॉलेज जगजीतपुर को पीपीपी मोड पर चलाने के फैसले का विरोध छात्रों ने किया है। छात्रों का कहना है कि इससे उनकी फीस बढ़ जाएगी और उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान होगा। छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेती है तो वे अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर देंगे।

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    Haridwar Medical College: मेडिकल कालेज के छात्रों ने भी मोर्चा खोल दिया है। जागरण

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। Haridwar Medical College: हरिद्वार में 100 एमबीबीएस की सीट के साथ प्रारंभ राजकीय मेडिकल कालेज को निजी क्षेत्र को सौंपा गया है। प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में संचालित किया जाएगा।

    शासन ने शारदा एजुकेशनल ट्रस्ट को मेडिकल कालेज को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड में संचालित करने से वहां अध्ययनरत छात्रों की फीस नहीं बढ़ेगी।

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    साथ में उन्हें अन्य सभी सुविधाएं राजकीय मेडिकल कालेज के समान ही मिलती रहेंगी। हरिद्वार में नवनिर्मित राजकीय मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड में संचालित करने के संबंध में चिकित्सा शिक्षा सचिव डा आर राजेश कुमार ने आदेश जारी किया है।

    आदेश में चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के 31 दिसंबर, 2024 को शासन को भेजे पत्र का हवाला देते हुए बताया गया कि कालेज को पीपीपी मोड में संचालित करने के लिए ई-निविदा आमंत्रित की गईं। इसमें सर्वाधिक मूल्य वाली संस्था शारदा एजुकेशनल ट्रस्ट को क्रयादेश जारी करने का अनुरोध किया गया।

    निदेशालय के इस पत्र के आधार पर शासन ने यह अनुमति प्रदान कर दी है। प्रदेश में राजकीय मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड में देने का यह पहला मामला है। मेडिकल कालेज को निजी क्षेत्र को सौंपने के बाद उठ रही आशंकाओं को लेकर सरकार के निर्देश पर विभाग ने स्थिति स्पष्ट की है। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डा आशुतोष सयाना ने बताया कि हरिद्वार स्थित राजकीय मेडिकल कालेज के संचालन को पीपीपी मोड पर देने से वहां अध्ययनरत छात्रों की फीस नहीं बढ़ेगी, साथ ही छात्रों को अन्य सभी सुविधाएं सरकारी मेडिकल कालेज के समान ही मिलती रहेंगी।

    उन्होंने बताया कि इसी सत्र से मेडिकल कालेज में 100 एमबीबीएस सीट की स्वीकृति मिली है। अब यहां विधिवत पढाई भी शुरु हो गई है।इसी क्रम में मेडिकल कालेज के बेहतर संचालन और मरीजों को अच्छी सुविधाएं देने के लिए इसे पीपीपी मोड पर देने का निर्णय लिया गया है।

    पीपीपी की शर्त में स्पष्ट किया गया है कि इससे अध्ययनरत छात्रों की फीस नहीं बढेगी, साथ ही छात्रों को मिलने वाले सभी शैक्षिक प्रमाणपत्र और डिग्रियों पर राजकीय मेडिकल कालेज, हरिद्वार ही दर्ज रहेगा। उन्होंने बताया कि कालेज से संबद्ध अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को उनके कार्ड के अनुसार आयुष्मान कार्ड या सीजीएचएस की दरों पर ही उपचार दिया जाएगा।

    डा सयाना ने कहा कि पीपीपी मोड में देने का उद्देश्य मात्र अस्पताल और मेडिकल कालेज की सुविधाओं को आधुनिक बनाना है, ताकि छात्रों और मरीजों को इसका अधिकतम लाभ मिल सके। इसलिए छात्रों या आम जन मानस को इस विषय में भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है।ये हैं पीपीपी मोड के लाभ डा सयाना ने बताया कि हरिद्वार मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड पर संचालित करना राज्य के वित्तीय संसाधनों के बेहतर उपयोग के दृष्टिगत बेहद महत्वपूर्ण है।

    इससे सरकार पर अकेले वेतन मद में ही प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपये का वित्तीय भार कम होगा। साथ ही प्रति वर्ष आपरेशनल व्यय के रूप में भी 50 करोड़ रुपये का बोझ कम होने की उम्मीद है। अस्पताल के साथ भविष्य में बनने में वाले पैरामेडिकल कालेज, स्पेशियलिटी एंड सुपर स्पेशियलिटी सर्विस के विस्तार पर भी करीब 200 करोड़ रुपये का खर्च बचेगा। दूसरी ओर, सेवा प्रदाता छह करोड़ रुपये का एकमुश्त शुल्क सरकार को देगा। इसके अतिरिक्त प्रति वर्ष 2.5 करोड़ रुपये राज्य सरकार को प्राप्त होगा।

    विरोध के स्वर उठने लगे

    हरिद्वार। राजकीय मेडिकल कालेज जगजीतपुर को पीपीपी मोड पर संचालित करने को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। मेडिकल कालेज के छात्रों ने भी मोर्चा खोल दिया है। छात्रों ने कालेज में प्रदर्शन कर रोष जताया।

    छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि इस निर्णय को वापस नहीं लिया गया तो वह कक्षाओं का बहिष्कार करते हुए अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे। छात्रों की मांग है कि कालेज को पीपीपी मोड पर संचालित नहीं कर सरकार की ओर से ही चलाया जाए।

    भविष्य पर मंडरा रहा खतरा

    छात्रों का कहना है कि उन्होंने सरकारी कालेज में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए नीट परीक्षा की तैयारी की है, ताकि उन्हें सरकारी कालेज में एमबीबीएस की सीट मिल सके, लेकिन कालेज के पीपीपी मोड पर जाने के बाद उनके भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है।

    ऐसे में यदि सरकार निजी हाथों में कालेज का संचालन देती है, तो फीस नहीं बढ़ाई जाएगी, लेकिन इंटरनल फीस बढ़ जाएंगे जिससे उन्हें आर्थिक रूप से इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। छात्रों का कहना है कि जब तक सरकार कालेज को स्वयं नहीं चलाती है तब तक वे धरना जारी रखेंगे और क्लास में नहीं बैठेंगे।

    कहा कि अस्पताल पीपीपी मोड पर जाने के बाद छात्रों को तो नुकसान होगा ही इसके साथ ही यहां पर रहने वाले स्थानीय लोगों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जहां कम खर्च पर लोगों का इलाज मेडिकल कालेज में होना था वहीं, अब लोगों को महंगे दामों पर इलाज करना होगा।

    छात्रों का कहना है कि फीस तो नहीं बढ़ेंगे लेकिन अन्य चार्जेस छात्रों को देने होंगे। जो छात्र कम खर्च पर एमबीबीएस करने के लिए यहां आए थे उनको अब महंगे दामों पर पढा़ई करनी होगी। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक वह अनिश्चितकालीन धरना जारी रखेंगे।

    राजकीय मेडिकल कालेज को बचाने के लिए सड़क से सदन तक करेंगे आंदोलन

    हरिद्वार: रोड़ धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष अमन गर्ग ने राजकीय मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड पर दिए जाने की कड़े शब्दों में भर्त्सना की। कहा इसे बचाने को सड़क से सदन तक आंदोलन करेंगे। कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे।

    महानगर अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की निवर्तमान महापौर अनिता शर्मा ने राजकीय मेडिकल कालेज जगजीतपुर के लिए 500 बीघा जमीन बगैर किसी शुल्क और शर्त को दी थी। ताकि धर्मनगरी की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। मध्यवर्गीय परिवार के बच्चों को सरकारी कालेज से मेडिकल की शिक्षा का अवसर मिल सकें। आरोप लगाया कि सरकार की ओर से मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड पर दिया जा रहा है। इससे शिक्षा माफियाओं की सक्रियता बढ़ेगी। इलाज के नाम पर गरीबों को लूटा जाएगा।

    भ्रष्टाचार का अड्डा बना जाएगा। उत्तराखंड स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मुरली मनोहर ने कहा कि कांग्रेस जनहित के लिए कार्य करती है लेकिन भाजपा चुनिंदा कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए काम करती है। सरकार ने मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड पर चलाने के आदेश पर पुनर्विचार नहीं किया तो कांग्रेस उग्र आंदोलन को बाध्य होगी।

    कांग्रेस नेता मनोज सैनी ने भाजपा पर केवल कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया। राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष संतोष चौहान, महिला महानगर कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष लता जोशी, ब्लाक अध्यक्ष विकास चंद्रा, करतार सिंह खारी, ओपी चौहान, सोम त्यागी आदि मौजूद रहे।

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