Updated: Sat, 02 Aug 2025 07:51 AM (IST)
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में चिवड़ा प्रसाद पर रोक लगा दी गई है। मंदिर ट्रस्ट ने यह निर्णय स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया है। 27 जुलाई को सीढ़ी मार्ग पर हुई भगदड़ के बाद यह फैसला लिया गया। मंदिर परिसर में स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा और श्रद्धालुओं के लिए जूते रखने की व्यवस्था की जा रही है।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। मनसा देवी मंदिर को जोड़ने वाले सीढ़ी मार्ग पर 27 जुलाई को हुई भगदड़ की घटना के बाद व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने पर बदलाव किए जा रहे हैं। सुरक्षा व स्वच्छता की दृष्टि से मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
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इसके तहत सूखे मेवे के चिवड़ा (परमल) को प्रसाद के रूप में प्रतिबंधित कर दिया है। अब चिवड़ा न तो मंदिर में चढ़ेगा, न मंदिर परिसर के पास स्थित दुकानों में ही बिकेगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसी उद्देश्य से चिवड़ा प्रसाद पर रोक लगाई गई है और सीढ़ी मार्ग पर ताला लगाकर इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
कहा कि ट्रस्ट की ओर से यह कदम मंदिर की स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। दरअसल, चिवड़ा प्रसाद को श्रद्धालु अन्य प्रसाद की तुलना में बड़ी मात्रा में खरीदते हैं। इसके चलते यह प्रसाद मंदिर परिसर और मार्ग पर काफी मात्रा में बिखर जाता है। इसमें फिसलने की आशंका बनी रहती है और मंदिर परिसर में गंदगी भी फैलती है। इसलिए ट्रस्ट ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए चिवड़ा प्रसाद पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया।
चलेगा स्वच्छता अभियान
मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि मंदिर ट्रस्ट ने राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में फैले कूड़े को हटाने के लिए विशेष सफाई अभियान चलाने का निर्णय लिया है। पहले भी स्वच्छता अभियान चलाए जाते थे, लेकिन अब वन क्षेत्र की स्वच्छता और जैव विविधता के लिए वृहद स्तर पर यह अभियान चलाया जाएगा।
बनाए जा रहे स्टाल
मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रख रैम्प मार्ग के पास जूता स्टाल बनाए जा रहे हैं, ताकि श्रद्धालु जूते-चप्पल व्यवस्थित तरीके से रख सकें। इसके अलावा शौचालय निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है, जिससे मंदिर परिसर में स्वच्छता के साथ-साथ श्रद्धालुओं को सुविधाएं भी मिल सकेंगी।
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