Haridwar Land Scam: किसानों ने क्यों ट्रांसफर किए 13 करोड़? मास्टर माइंड कौन? जल्द खुलेगा राज
हरिद्वार में नगर निगम को अधिक कीमत पर जमीन बेचने के बाद किसानों द्वारा डीलरों और नेताओं के खातों में 13 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के मामले में विजिलेंस जांच कर रही है। इस योजना के पीछे के मास्टरमाइंड और निलंबित अधिकारियों से संदिग्धों के संबंधों की जाँच हो रही है। 16 खाताधारकों की कुंडली खंगाली जा रही है जिससे छिपे हुए चेहरों के उजागर होने की संभावना है।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। नगर निगम को लगभग चार गुना ज्यादा कीमत पर जमीन बेचने के बाद किसानों ने 13 करोड़ की रकम प्रॉपर्टी डीलरों, स्थानीय नेताओं के खातों में किसके कहने पर ट्रांसफर की। कितनी रकम, किस रास्ते से ठिकाने लगाई जानी है। इस पूरी प्लानिंग के पीछे किसका दिमाग है।
विजिलेंस अब इसका पता लगाने में जुटी है। इतना ही नहीं, जिन प्रॉपर्टी डीलरों, नेताओं के खातों में रकम ट्रांसफर की गई है, उनका इस मामले में निलंबित हुए अधिकारियों से क्या कनेक्शन है, इसकी कड़ियां भी ढूंढी जा रही हैं। आने वाले दिनों में कई छिपे चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
सराय गांव निवासी किसानों ने कुल 54 करोड़ रुपये में जमीन का सौदा किया। अभी तक की पड़ताल में सामने आया है कि कुल 34 करोड़ रुपये की रकम जितेंद्र, धनपाल व सुमन के खातों में मौजूद है। जिनको विजिलेंस जांच से पहले ही फ्रीज किया जा चुका है। अब विजिलेंस की जांच बाकी 20 करोड़ रुपये का हिसाब-किताब सामने आया है।
ट्रांसपोर्टनगर में सात करोड़ रुपये की जमीन खरीदने के साथ ही विक्रेताओं ने 13 करोड़ रुपये 16 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी। इन खाता धारकों में कई नामी प्रॉपर्टी डीलर, स्थानीय नेता शामिल हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि विक्रेताओं ने इतनी बड़ी रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर क्यों की।
इसका कोई माकूल जवाब शायद ही विक्रेताओं के पास हो। लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपितों से पूछताछ में ऐसे कई सवालों के जवाब सामने आने के साथ ही कई छिपे हुए चेहरे भी सामने आएंगे। जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस पूरी प्लानिंग में अहम किरदार अदा किया। फिलहाल विजिलेंस ने इन 16 खाताधारकों की कुंडली खंगालने का काम शुरू कर दिया है।
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