संत की कलम से: आस्था और भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व है कुंभ- उमेश यादव
Haridwar Kumbh Mela 2021 कुंभ करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था और भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व है। हर कुंभ की भांति आसन्न कुंभ मेला भी संत और महापुरुषों के आशीर्वाद से निर्विघ्न संपन्न होगा। कुंभ स्नान से जन्म-जन्मांतर के पापों का शमन होता है।
Haridwar Kumbh Mela 2021 कुंभ करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था और भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व है। हर कुंभ की भांति आसन्न कुंभ मेला भी संत और महापुरुषों के आशीर्वाद से निर्विघ्न संपन्न होगा। कुंभ स्नान से जन्म-जन्मांतर के पापों का शमन होता है। हजारों गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। यह आस्था और विश्वास का सबसे बड़ा पर्व है।
महाकुम्भ की पावन बेला
महाकुम्भ की पावन बेला, मां गंगा में स्नान करें।।
दिव्य कुम्भ है, सुधा कलश से, आओ अमृतपान करें।।
सागर मंथन करके जग ने, अमृत कुम्भ को पाया था।
देवासुर के रण में हरि ने, दुष्टों से कुम्भ बचाया था।।
देव संस्कृति रक्षक देवों को, सुधा पान करवाया था।
दानवता फिर पस्त हुई थी, सतयुग जग में आया था।।
पुनः देवत्व की दिव्य ध्वजा का, घर-घर में सम्मान करें।।
महाकुम्भ की पावन बेला, मां गंगा में स्नान करें।।
आदि शंकराचार्य ने जग में, धर्म ध्वजा फहराया था।
सम्पूर्ण देश तब एक हुआ था, केशरिया लहराया था।।
चार धाम और चार कुम्भ से, शुभ संस्कार जगाया था।
धर्म चेतना जागृत करके, राष्ट्र सशक्त बनाया था।।
माँ गंगा और महाकुम्भ का, आओ सब गुण गान करें।
महाकुम्भ की पावन बेला, मां गंगा में स्नान करें।।
महाकुम्भ के पवित्र सुधा में, स्नान कराने आये हैं।
जाग उठो हे देव शक्तियां, तुम्हें जगाने आये हैं।।
अमृत पान करो हे देवों, संगठित हो शौर्य दिखाओ।
देव संस्कृति की रक्षा को, कमर कसो अब आगे आओ।
नव निर्माण के ज्ञानामृत की, आओ सब मिल पान करें।
महाकुम्भ की पावन बेला, मां गंगा में स्नान करें।।
सनातन संस्कृति और लोक आस्था का महापर्व कुंभ अलौकिक छटा और विशेषताओं के लिए भी जाना जाता है। शाही स्नान का अवसर सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही प्राप्त होता है। धर्मनगरी हरिद्वार में इस बार बारह वर्षों की बजाए 11 वर्ष में ही कुंभ का विशेष योग बन रहा है। संत-महात्मा से लेकर श्रद्धालु भी बेसब्री से इंतजार करते हैं।
[उमेश यादव, योगी साधक, गायत्री तीर्थ, शांतिकुंज]
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