Haridwar News: जेल में रची साइबर फ्रॉड की साजिश, विरोधियों को फंसाने के लिए बनाया फर्जी वारंट
हरिद्वार के ज्वालापुर कोतवाली में साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराने पर पुलिस ने जांच की तो मामला दुष्कर्म के आरोपी से जुड़ा निकला। जेल में बंद सुरेंद्र ने कृष्णकांत के साथ मिलकर विरोधियों को फंसाने के लिए फर्जी वारंट बनवाए और पीड़ितों के खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए। पुलिस ने सुरेंद्र डेविड और राहुल को गिरफ्तार कर लिया है जबकि कृष्णकांत की तलाश जारी है।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। ज्वालापुर कोतवाली में करीब एक महीना पहले सुरेंद्र कुमार निवासी सुभाषनगर ने साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। जिन पांच खातों में पांच-पांच हजार की रकम ट्रांसफर हुई, पुलिस ने उनकी डिटेल निकाल कर खाता धारकों से पूछताछ की तो पूरी कहानी ही पलट गई।
पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि साल 2022 में दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद सुरेंद्र की मुलाकात कृष्णकांत से हुई थी। कृष्णकांत ने ही सुरेंद्र की जमानत में मदद की और फिर अपने विरोधियों से रंजिश निकालने के लिए उसे साइबर फ्रॉड की साजिश में शामिल किया।
इसके तहत सुरेंद्र और मास्टरमाइंड कृष्णकांत ने अपने भाई डेविड और साले राहुल के साथ मिलकर पहले फर्जी गैर जमानती वारंट तैयार किया फिर इन वारंट को सुरेंद्र के व्हाट्सएप पर भेजकर कहानी के तहत उन्हें डर दिखाया गया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए खातों में रकम ट्रांसफर करनी होगी।
इसके बाद पांच अलग-अलग व्यक्तियों के खातों में पांच-पांच हजार की रकम भेजी गई। ताकि उन पर साइबर फ्रॉड का मुकदमा दर्ज कराया जा सके। इसके एवज में कृष्णकांत ने सुरेंद्र को 2.5 लाख रुपये नगद भी दिए थे।
खाताधारकों से पूछताछ में असलियत सामने आई कि रकम उन्होंने नहीं निकाली और उन्होंने पुलिस से संपर्क कर पैसे लौटाने की बात कही थी। एसपी सिटी पंकज गैरोला ने बताया कि इस मामले में साइबर फ्रॉड का मुकदमा दर्ज करने वाले सुरेंद्र पुत्र सुमन, निवासी रायबरेली, हाल निवासी शिवधाम कॉलोनी सुभाष नगर, ज्वालापुर, डेविड पुत्र विनोद, निवासी ग्राम नारसन खुर्द, कोतवाली मंगलौर और राहुल पुत्र पवन, निवासी ग्राम सुगरासा, थाना पथरी को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि कृष्णकांत की तलाश की जा रही है।
आरोपितों के कब्जे से 50 हजार की नकदी दो फर्जी गैर जमाने की वारंट तीन मोबाइल फोन, प्रिंटर, यूपीएस आदि सामान बरामद हुआ है।
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