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    Haridwar :आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले- ब्राह्मण को बहकाया जा सकता है धमकाया नहीं

    By Anoop kumar singhEdited By: Mohammed Ammar
    Updated: Sun, 24 Sep 2023 07:27 PM (IST)

    Haridwar News आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा ब्राह्मण का इतिहास पौरुष पराक्रम और त्याग से भरा पड़ा है। यदि ब्राह्मण जातिवादी होता तो राम की नहीं रावण की ...और पढ़ें

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    Haridwar : ब्राह्मण को बहकाया जा सकता है धमकाया नहीं: आचार्य प्रमोद कृष्णम

    जागरण संवाददाता,हरिद्वार: पंतद्वीप मैदान में रविवार को देश के सभी ब्राह्मण संगठनों और उत्तराखंड ब्राह्मण फेडरेशन की ओर से आयोजित ब्राह्मण महाकुंभ में बतौर मुख्य अतिथि कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि लड़ाई हमेशा शस्त्र के साथ की जाती और हौसला उसमें काम करता है। आज हमारे समाज को टारगेट किया जा रहा है। ब्राह्मणों को कोसने को मनुस्मृति का प्रयोग करते हैं जबकि वह क्षत्रिय द्वारा लिखी गयी है।

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    बोले- सम्मान के लिए राजनीति में स्थान बनाना पड़ेगा

    उन्होंने कहा कि ब्राह्मण को बहकाया, समझाया जा सकता है लेकिन धमकाया नहीं जा सकता है। ब्राह्मण का इतिहास पौरुष, पराक्रम और त्याग से भरा पड़ा है। यदि ब्राह्मण जातिवादी होता तो राम की नहीं रावण की पूजा करता। उन्होंने कहा कि किसी भी राजनैतिक दल का कोई नेता सनातन पर हमला करेगा तो उसका मुंह हमें काला करना पड़ेगा। यदि आज ब्राह्मण अपना सम्मान चाहते हैं तो राजनीति में अपना स्थान बनाना पड़ेगा। नगर विधायक मदन कौशिक ने कहा कि ब्राह्मणों का योगदान भारत के विकास में हो रहा है।

    भारतीय संस्कृति को भी ब्राह्मण आगे बढ़ाने में योगदान कर रहा है। सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि आज इंटरनेट मीडिया में भी ब्राह्मणों का अपमान किया जा रहा है जो निंदनीय है। महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने कहा कि आज जिसे देखो वह ब्राह्मणों को गाली दे रहा है।

    ब्राह्मणों के खिलाफ की गयी शिकायतों की जांच में ब्राह्मणों को दोषी नहीं पाया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्रनाथ त्रिपाठी ने कहा कि बिना संगठित हुए सत्ता की प्राप्ति असंभव है। इस मौके पर महामंडलेश्वर रामेश्वर ब्रह्मचारी, गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम, पूनम पंडित, महापौर अनीता शर्मा, संजय महंत, बाबा हठयोगी, सोमदत्त शर्मा, अशोक शर्मा, केसी कौशिक एडवोकेट, लोकेश भारद्वाज, मनोज गौतम, बालकृष्ण शास्त्री, डा अनीता मिश्रा, पंडित पद्म प्रकाश शमार्, पंडित अधीर कौशिक आदि ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। मुख्य संयोजक पंडित विशाल शर्मा ने कहा कि देव भूमि हरिद्वार में मां गंगा के तट पर ब्राह्मणों का इतना बड़ा संगम पहली बार हुआ है।

    अब जो भी हमारी मांगों के समर्थन में संसद और विधान सभाओं में आवाज बुलंद करेगा हमारा समाज उसका समर्थन करेगा। इस महाकुंभ में देश के विभिन्न प्रदेशों के ब्राह्मण संगठनों के हजारों प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। ब्राह्मण महाकुंभ में सभी प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री को संबोधित 11 सूत्रीय मंाग पत्र भी तहसीलदार के माध्यम से सौंपा।

    मांग पत्र के मुख्य बिंदु

    -सभी राज्यों में ब्राह्मण कल्याण आयोग का संवैधानिक गठन किया जाए। साथ ही ब्राह्मण समाज से ही अध्यक्ष चुना जाए।

    -भारत वर्ष की समस्त जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए एवं ब्राह्मण वर्ग को प्रत्येक राज्य में जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का लाभ और राजनैतिक हिस्सेदारी में प्राथमिकता दी जाए।

    -वर्ष 1990 में जम्मू कश्मीर में ब्राह्मणों के हुए नरसंहार की अविलंब न्यायिक जांच को आयोग का गठन किया जाए और कश्मीरी ब्राह्मणों के पुनर्स्थापन को पूर्व पैतृक संपत्ति (कश्मीर) पर स्थापन किया जाए।

    - मंदिरों में गैर ब्राह्मणों को पुजारी नियुक्त किया जाए, प्रत्येक राज्य में भूमिहीन और आर्थिक रूप से कमजोर ब्राह्मणों को भूमि का आवंटन और रोजगार दिया जाए।

    -ब्राह्मण वर्ग के छात्र-छात्राओं को शासन की ओर से जिला और तहसील स्तर पर छात्रावास की व्यवस्था की जाए जिसका नाम भगवान परशुराम छात्रावास रखा जाए और सरकारी आवेदनों में निश्शुल्क की पात्रता दी जाए।

    -प्रत्येक राज्य में मंदिरों के पुजारियों और पुरोहितों को मासिक सम्मान निधि दी जाए और समाज में आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं की शिक्षा को सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जाय।

    - आठ लाख से नीचे आय वाले निर्धन ब्राह्मणों को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए।

    - भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो राष्ट्रीय अवकाशों को छोड़कर सभी अवकाश निरस्त किए जाएं।

    -मंदिरों से हुई धर्मस्व की आमदनी की संपूर्ण राशि मंदिरों के जीर्णोद्धार, गुरुकुल, गौशाला तथा हिंदू धर्म की लोक कल्याणकारी योजनाओं के संचालन को शासकीय अनुदान के रूप में प्रदान की जाए।

    -एससी-एसटी कानून को समाप्त किया जाए अथवा गिरफ्तारी से पहले जांच का प्रावधान लागू किया जाए। जिसका जांच अधिकारी सवर्ण जाति से हो।

    - आयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर, ब्रज घाट (गढ़मुक्तेश्वर) उप्र, हरिद्वार एवं भारत के समस्त तीर्थ स्थलों में भगवान परशुराम की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाए।