एक माह बाद भी घर नहीं पहुंचे 35 कांवड़ यात्री, निराश स्वजन तलाश में पहुंच रहे हरिद्वार
श्रावण में कांवड़ मेले के दौरान हरिद्वार में भारी भीड़ थी। कई कांवड़ यात्री जिनमें उत्तर प्रदेश दिल्ली हरियाणा आदि राज्यों के लोग शामिल हैं एक महीने बाद भी घर नहीं लौटे हैं। उनके परिवार वाले उन्हें ढूंढने के लिए हरिद्वार आ रहे हैं। विभिन्न थानों में 35 कांवड़ यात्रियों की गुमशुदगी दर्ज की गई है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

मेहताब आलम, जागरण हरिद्वार। श्रावण में कांवड़ मेले के दौरान धर्मनगरी में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा था। 12 दिन तक बम-बम भोले की गूंज के साथ जहां देखो, वहां कांवड़ यात्रियों का रेला दिखाई दे रहा था, लेकिन कई कांवड़ यात्री लगभग एक महीना गुजरने के बाद भी अपने घर नहीं लौटे हैं।
इनमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों के अधिकतर कांवड़ यात्री हैं। आंखों में आंसू और दिल में उम्मीद लेकर उनकी तलाश में स्वजन हरिद्वार पहुंच रहे हैं। जिले के अलग-अलग थाना व कोतवाली में अभी तक 35 कांवड़ गात्रियों की गुमशुदगी दर्ज की जा चुकी हैं।
इस साल 11 जुलाई को कांवड़ शुरू हुई थी। 23 जुलाई को श्रावणा शिवरात्रि पर यात्रा का समापन हुआ। 12 दिन के भीतर कई राज्यों से करीब 4.53 करोड़ कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचे। अब यह बात सामने आई है कि कई कांवड़ यात्री अपने घर नहीं लौटे।
रिश्तेदार और परिचितों के घर खोजबीन के बाद भी सुराग न मिलने पर अब उनके स्वजन हरिद्वार पहुंच रहे हैं। अभी तक हरिद्वार शहर कोतवाली, कनखल, ज्वालापुर, बहादराबाद, रुड़की और मंगलौर कोतवाली में इनकी गुमशुदगी दर्ज हो चुकी हैं।
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोवाल ने बताया कि जिन कांवड़ यात्रियों की तलाश में उनके स्वजन पहुंच रहे हैं, उनकी गुमशुदगी दर्ज कर तलाश की जा रही है।
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