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उत्‍तराखंड में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े का भंडाफोड़, कांग्रेस की जिला संगठन मंत्री गिरफ्तार

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरोपित कांग्रेस नेत्री रेणु नौटियाल स्थानीय विधायकों के कार्यक्रमों में सक्रिय रही हैं।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraFri, 30 Dec 2022 07:34 AM (IST)
उत्‍तराखंड में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े का भंडाफोड़, कांग्रेस की जिला संगठन मंत्री गिरफ्तार
पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ रेणु नौटियाल: साभार इंटरनेट मीडिया

जागरण संवाददाता, हरिद्वार : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरोपित घर से ही फर्जी भर्ती सेंटर चला रहे थे।

पुलिस ने घटना का भंडाफोड़ करते हुए कांग्रेस की जिला संगठन मंत्री रेणु नौटियाल, उसके भाई समेत चार को गिरफ्तार किया है।

नकली मुहर और तीन गाड़ियां भी बरामद

आरोपितों के पास 90 हजार की नकदी, फर्जी नियुक्ति पत्र, अंकतालिकाएं, विभिन्न विभागों की नकली मुहर और तीन गाड़ियां भी बरामद की गईं। गैंग के मास्टरमाइंड रेणु नौटियाल के भाई विजय नौटियाल की पुलिस तलाश कर रही है। आरोपित कांग्रेस नेत्री स्थानीय विधायकों के कार्यक्रमों में सक्रिय रही हैं।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि देहात क्षेत्र में बेरोजगारों को सरकारी विभागों में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की रकम ऐंठने की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए पुलिस टीम गठित की गई थी।

जांच में पता चला कि एक गिरोह शहर के नामी होटलों में फर्जी तरीके से साक्षात्कार लेकर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के फर्जी नियुक्ति पत्र देते हुए बेरोजगारों से धन ऐंठ रहा है।

फर्जी सेना और पुलिस की वर्दी बरामद

पुलिस ने जांच के बाद हरिद्वार की टिक्कमपुर निवासी रेणु नौटियाल, उसके भाई अजय नौटियाल, नितिन और सिद्धार्थ को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से बेरोजगारों से ऐंठी गई 90 हजार की नकदी, फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र, अंकतालिकाएं, नकदी और विभिन्न विभागों के पदनाम की मोहरें, छह मोबाइल फोन, पासबुक और चेक बुक, फर्जी सेना और पुलिस की वर्दी बरामद हुई है।

एसएसपी ने बताया कि गिरोह विभिन्न विभागों में 10 प्रतिशत विभागीय कोटा बताकर बेरोजगारों को नौकरी का झूठा लालच देता था और पांच से 10 लाख रुपये वसूल लेते थे। किसी को शक न हो, इसके लिए कुछ युवकों को पुलिस व सेना की वर्दी पहनाकर साथ रखते थे।

शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरोह अभी तक हरिद्वार समेत आसपास के जिलों के सौ से ज्यादा बेरोजगारों से लगभग एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है। एसएसपी ने बताया कि मास्टरमाइंड रेणू का बड़ा भाई विजय नौटियाल फरार है, उसकी तलाश की जा रही है।