दशहरा की रात 12 बजे से हरिद्वार में सूने हो गए घाट, गंगा में स्नान लायक भी पानी नहीं
हरिद्वार में दशहरे की मध्यरात्रि से 19 अक्टूबर तक गंगा नहर को मरम्मत और सफाई के लिए बंद कर दिया गया है। इस दौरान हरकी पैड़ी पर भागीरथी बिंदु से गंगाजल उपलब्ध रहेगा लेकिन अन्य घाटों पर जल की कमी रहेगी जिससे श्रद्धालुओं को असुविधा होगी। नहर बंदी के दौरान खनन माफिया के सक्रिय होने और सिंचाई में समस्या आने की भी आशंका है।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। दशहरे (2 अक्टूबर) की मध्यरात्रि से 19 अक्टूबर की रात 12 बजे तक गंगनहर को बंद किया गया। इस अवधि में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग गंगनहर से सिल्ट हटाने सहित साफ-सफाई, मरम्मत आदि कार्य कराएगा।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के ईई विकास त्यागी ने हर वर्ष दशहरे की मध्यरात्रि से उत्तरी खंड गंगनहर को मरम्मत आदि कार्यों के लिए बंद किया जाता है। दशहरा से लेकर दीपावली तक के अंतराल में गंगनहर बंद रहती है। दीपावली की मध्यरात्रि से ही गंगनहर में जल छोड़ा जाता है।
दशहरे की मध्यरात्रि को गंगा नहर को बंद किया गया है। इस दौरान हरकी पैड़ी भागीरथी बिंदु से आने वाली गंगा की अविछिन्न धारा से गंगाजल उपलब्ध रहेगा। 19 अक्टूबर की रात 12 बजे गंगा क्लोजर समापत होगा।
20 अक्टूबर की सुबह श्रद्धालुओं को हरकी पैड़ी सहित अन्य भी घाटों पर पर्याप्त जल उपलब्ध होगा। क्लोजर के दौरान गंगनहर से सिल्ट आदि की सफाई के अलावा मरम्मत आदि कार्य कराए जाएंगे।
सभी गंगा घाटों पर स्नान योग्य गंगाजल बहुत कम
हरिद्वार : नहर बंदी के चलते हरकी पैड़ी समेत सभी गंगा घाटों पर स्नान योग्य गंगाजल बहुत कम मात्रा में उपलब्ध रहता है। इससे श्रद्धालुओं को भी मायूस होना पड़ता है। हरकी पैड़ी पर आरती के समय ही कुछ मात्रा में गंगा जल की उपलब्धता रहती है। इसके अलावा नहर बंदी के दौरान खनन माफिया भी सक्रिय हो जाते हैं। उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में सिंचाई का भी संकट हो जाता है।
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