प्राचीन अवधूत मंडल की संपत्ति खुर्दबुर्द नहीं होने दी जाएगी
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: प्राचीन अवधूत मंडल के स्वामित्व को लेकर विवाद फिर गहरा गया है। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: प्राचीन अवधूत मंडल के स्वामित्व को लेकर विवाद फिर गहरा गया है। मध्य हरिद्वार के स्थानीय होटल में हरिदेव महाराज के शिष्य महंत स्वामी रामदेव ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि प्राचीन अवधूत मंडल के स्वामी रूपेंद्र प्रकाश स्वयं को गलत तरीके से आश्रम का महंत बता रहे हैं, जबकि आश्रम के असली महंत वे खुद हैं।
बताया कि छह अगस्त 2017 को वृंदावन स्थित ब्रह्म निवास आश्रम में पूर्ण विधिविधान के साथ पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के श्रीमहंत महेश्वरदास और श्रीमहंत बचनदास महाराज के सानिध्य में संत समाज ने श्रीमहंताई की तिलक चादर देकर आश्रम का महंत नियुक्त किया था। इस दौरान जगद्गुरु रामानंदाचार्य, स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज भी मौजूद रहे। पूर्व से ही स्वामी रूपेंद्र प्रकाश गलत तरीके से खुद को आश्रम का महंत बता रहे हैं। जिसके चलते पूरा मामला कोर्ट में विचाराधीन हैं, लेकिन गलत तरीके से तथ्य पेश कर आश्रम पर काबिज हो गए हैं, जिसे लेकर अन्य ट्रस्टी भी न्यायालय में गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ जिला जज के यहां अपील दायर की गई है। स्वामी रामदेव ने कहा कि आश्रम की संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के प्रयास किए जा रहे हैं। गलत तरीके से आश्रम की दुकानों को बेचने का भी उन्होंने आरोप लगाया। उनका आरोप है कि आश्रम पर काबिज होने के लिए स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश फर्जी वसीयत और राजनैतिक सांठगांठ के जरिये आश्रम पर काबिज हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी रूप में प्राचीन अवधूत मंडल की संपत्ति को खुर्द बुर्द नहीं करने दिया जाएगा। जिसको लेकर ट्रस्टी भी न्यायालय में अपील दायर कर चुके हैं। उन्होंने पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए आदेशों पर भी सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की राय लेनी चाहिए थी। पूरी तरह से एकपक्षीय कार्यवाही कर प्राचीन अवधूत मंडल की कमान गलत तरीके से सौंपी गई। प्रेस वार्ता के दौरान स्वामी हंसदेव महाराज, गुलशन नारंग, कवल थरेजा आदि मौजूद रहे।

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