आखिर क्यों उत्तराखंड में किसानों ने दी चेतावनी? बोले- किसी भी कीमत पर नहीं लगने देंगे स्मार्ट मीटर
उत्तराखंड के रुड़की में भाकियू रोड़ की महापंचायत में किसानों ने सरकार पर गन्ना मूल्य भुगतान और स्मार्ट मीटर को लेकर निशाना साधा। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे सचिवालय का घेराव करेंगे। अधिकारियों ने समाधान का आश्वासन दिया है। किसानों ने स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध किया और बकाया भुगतान की मांग की। गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक होगी।

किसी भी कीमत पर गांव में नहीं लगने देंगे स्मार्ट मीटर: रोड। प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, रुड़की । भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) रोड़ की महापंचायत में किसानों ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान बकाया गन्ना मूल्य भुगतान व स्मार्ट मीटर समेत अन्य समस्याओं का समाधान नहीं होने पर सचिवालय घेराव की चेतावनी भी दी गई। महापंचायत में पहुंचे अफसरों ने किसानों को समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया। अब गुरुवार को किसानों की अधिकारियों के साथ बैठक होगी।
नगर निगम के बाहर मंगलवार को हुई महापंचायत में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी पदम सिंह रोड़ ने कहा कि लगातार किसानों की अनदेखी की जा रही है। गन्ना मूल्य भुगतान न होने से किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। वहीं, स्मार्ट मीटर लगाकर भी उत्पीड़न किया जा रहा है। चेतावनी दी कि यदि प्रशासनिक अफसरों ने शीघ्र समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो ट्रैक्टरों के साथ सचिवालय का घेराव किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर जिले में स्मार्ट मीटर को नहीं लगने दिया जाएगा। यदि ऊर्जा निगम ने जबरदस्ती की तो अफसरों को बंधक बनाया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष संजीव कुशवाह ने कहा कि लगातार मुद्दा उठाए जाने के बावजूद भुगतान नहीं हो रहा है। हरिद्वार जनपद के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है। इसे कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अन्य वक्ताओं ने भी केंद्र व राज्य सरकार को निशाने पर लिया। कहा कि किसानों की अनदेखी सरकार को भारी पड़ेगी।
युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष सचिन टोड़ा ने कहा कि अब सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष नाजिम अली, मुबारिक, प्रदीप त्यागी, इंद्र सिंह रोड, आजम, प्रधाल घनश्याम दास, राजबीर सिंह, सुरेन्द्र सिंह, दीपक त्यागी, युसूफ प्रधान आदि मौजूद रहे।
चेतावनी देने पर मौके पर पहुंचे अफसर
महापंचायत के दौरान मंच से कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से मौके पर पहुंचने की अपील की गई। अफसरों के लिए बाकायदा कुर्सियां भी लगा दी गईं, लेकिन अफसरों के न पहुंचने पर किसान बिफर गए। मंच से ऐलान किया गया कि यदि पांच मिनट के अंदर अधिकारी मौके पर नहीं आएंगे, तो किसान सड़क पर बैठ जाएंगे। यह चेतावनी सुनने के बाद अफसर एक मिनट में ही मौके पर पहुंच गए और चर्चा शुरू की।
कुछ विभागों के अफसरों के महापंचायत में नहीं आने पर किसान नाराज हो गए। इस पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र शेट ने इन अधिकारियों को नोटिस देने की बात कही। साथ ही उन्होंने किसानों को बताया कि गुरुवार को अधिकारियों और किसानों की बैठक में समस्याओं पर चर्चा होगी।
किसानों की कुछ प्रमुख मांगें
- इकबालपुर चीनी मिल पर किसानों के बकाये के लिए जिम्मेदार यूनिट हेड से वार्ता कर समयसीमा तय की जाए।
- वर्षा के कारण किसानों की फसल खराब होने पर नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाए।
- ग्रामीण अंचलों के रास्तों पर नालों की साफ-सफाई कराए जाने।
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर न लगाए जाने।
- टोल प्लाजा के आसपास के किसानों को आवागमन में परेशान नहीं किए जाने समेत अन्य मांगें उठाईं।
शहर की सड़कों पर उमड़ा ट्रैक्ट्ररों का रैला
रुड़की: रुड़की शहर की सड़कों पर मंगलवार को ट्रैक्टर का रेला उमड़ पड़ा। स्थिति यह रही कि हरिद्वार रोड की सड़क हो या फिर दिल्ली रोड, रामपुर से लेकर लंढौरा सभी ओर से सड़कों पर ट्रैक्टर आते दिखाई दिए। इसकी वजह से ट्रैक्टरों को करीब आधा किमी पहले ही बोट क्लब एवं दूसरे स्थानों पर रोक दिया गया। वहीं नगर निगम पुल पर घंटों तक जाम लगा रहा।
किसानों में दिखा गुस्सा एवं दर्द दोनों
रुड़की: महांपचायत में पहुंचे किसानों में गुस्सा एवं दर्द दोनों साफ दिखाई दिया। किसान सईद अहमद ने कहा कि किसान कैसे अपना गुजरा करें। स्थिति यह है कि इकबालपुर चीनी मिल गन्ने का भुगतान नहीं कर रही है। करीब 100 से अधिक किसानों की मौत बिना उपचार के हो चुकी है। किसान के पास इलाज के भी पैसे नहीं है। बच्चों की फीस जमा नहीं हुई है। खेती को छोड़ भी नहीं सकते हैं। ऐसे में घर चलाए तो कैसे। यह कहते वह मंच पर ही रो पड़े। दूसरे किसानों ने किसी तरह से उनका ढांढस बंधाया।
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