Droupadi Murmu in Uttarakhand: सीएम धामी का एलान, उत्तराखंड बनेगा शोध-नवाचार और एआई का केंद्र
हरिद्वार के पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को शोध और नवाचार का केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता जताई। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने योग और आयुर्वेद में पतंजलि के योगदान की सराहना की। उन्होंने युवाओं को भारतीय ज्ञान परंपरा अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया और पुस्तकों का विमोचन किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को शोध और नवाचार का केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता जताई। जागरण
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित द्वितीय दीक्षांत समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह आयोजन पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति को लागू कर उत्तराखंड को शोध, नवाचार तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संस्कृति, इतिहास और दर्शन के गहन अध्ययन हेतु दून विश्वविद्यालय में सेंटर फार हिंदू स्टडीज की स्थापना की गई है। साथ ही, देहरादून में साइंस सिटी, हल्द्वानी में एस्ट्रो पार्क तथा अल्मोड़ा में साइंस सेंटर विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड के निर्माण के इस संकल्प में पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, राज्यसभा सदस्य कल्पना सैनी, साध्वी देवप्रिया, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद सहित अनेक विशिष्ट जन उपस्थित रहे।
योग और आयुर्वेद ने दी स्वास्थ्य जगत को नई दिशा
हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि एवं उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने कहा कि योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में पतंजलि विश्वविद्यालय का योगदान अभूतपूर्व है। पतंजलि ने इन प्राचीन भारतीय विधाओं के माध्यम से स्वास्थ्य जगत में एक नई क्रांति का सूत्रपात किया है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने कहा कि यह देखकर प्रसन्नता होती है कि आज के युवा भारतीय ज्ञान परंपरा, योग, आयुर्वेद और अध्यात्म को अपनाने के प्रति उत्सुक हैं। विद्यार्थी तभी सफल माने जाएंगे जब उनकी शिक्षा और ज्ञान समाज के कल्याण में उपयोगी सिद्ध हो। भारतीय संस्कृति और परंपरा आज भी सर्वाधिक प्रासंगिक हैं और यही भावी भारत के निर्माण की आधारशिला हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह द्वारा फ्लोरा ऑफ राष्ट्रपति भवन एवं मेडिसिनल प्लांट ऑफ राष्ट्रपति भवन पुस्तकों का विमोचन किया गया। इन पुस्तकों की प्रथम प्रतियां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेंट की गईं। ये दोनों पुस्तकें आचार्य बालाकृष्ण के निर्देशन में लिखी और तैयार की गई हैं।

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