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    कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर मंडलायुक्त ने अफसरों संग की बैठक, बिना साइलेंसर वाली गाड़ियों पर रोक के आदेश

    By Jagran NewsEdited By: riya.pandey
    Updated: Sun, 25 Jun 2023 03:00 PM (IST)

    गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार ने 24 जून को मेला नियंत्रण भवन में कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर हरिद्वार पौड़ी टिहरी व देहरादून जिले के अफसरों की बैठक ली। बैठक में कांवड़ मेले में शिवभक्तों से जुड़ी सुविधाओं के साथ ही क्राउड मैंनेजमेंट लव जिहाद लैंड जिहाद कांवड़ रूट पर पड़ने वाले ढाबे दुकान आदि पर बिकने वाली सामग्री रेट लिस्ट आदि भी चर्चा हुई।

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    कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर गढ़वाल मंडलायुक्त ने अफसरों संग की बैठक

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार : गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार ने 24 जून को मेला नियंत्रण भवन में कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी व देहरादून जिले के अफसरों की बैठक ली। बैठक में कांवड़ मेले में शिवभक्तों से जुड़ी सुविधाओं के साथ ही क्राउड मैंनेजमेंट, लव जिहाद, लैंड जिहाद, कांवड़ रूट पर पड़ने वाले ढाबे, दुकान आदि पर बिकने वाली सामग्री, रेट लिस्ट आदि भी चर्चा हुई।

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    कांवड़ मेले के मद्देनजर सुरक्षा पर विशेष ध्यान के निर्देश

    आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि तेज आवाज में डीजे न चलाएं और कांवड़ 12 फीट से ऊंची न हो, इन सूचनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार हो। सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए, स्लोगन, हेट स्पीच, ह्यूमर आदि को सख्ती से रोका जाए।

    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने प्रस्तुतीकरण के जरिए कांवड़ मेले के इतिहास, उसके बदलते स्वरूप की जानकारी रखते हुए बताया कि पहले अधिकतर श्रद्धालु पैदल ही मां गंगा का पवित्र जल लेने पहुंचते थे लेकिन कुछ वर्षों में यह देखने में आ रहा है कि 70 प्रतिशत कांवड़ यात्री डाक कावड़ के रूप में आने लगे हैं।

    4 से 15 जुलाई तक रहेगा कांवड़ मेला

    सिंह ने कांवड़ मेले के दौरान, उसके पहले और बाद के स्नान पर्वों का उल्लेख करते हुये बताया कि प्रमुख रूप से कांवड़ मेला आगामी चार से 15 जुलाई तक है। तीन जुलाई को पूर्णिमा है। छह से 10 जुलाई तक पंचक रहेंगे। 12 से 15 तक प्रमुख रूप से डाक कांवड़ चलेगी। 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या है। इसी को मद्देनजर रखते कांवड़ मेले की तैयारियां की जा रही है।

    मेला क्षेत्र में 13 पार्किंग स्थल निर्धारित

    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सबसे अधिक कांवड़िये हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व राजस्थान क्षेत्र से आते हैं। उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में 13 पार्किंग स्थल निर्धारित किए गए हैं, जिनकी क्षमता लगभग 47 हजार वाहन खड़े करने की है। पार्किंग की व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके इसके लिये क्यू आर कोड की व्यवस्था की गई है। जिसके तहत 10 लाख पम्पलेट तैयार किए गए, जिन्हें पर्यटन आदि विभागों के माध्यम से सभी जगह वितरित किया जाएगा। क्यू आर कोड को स्कैन करते ही रियल टाइम में आवश्यक जानकारी उपलब्ध हो जाएगी।

    दुकान, ढाबे की नियमित चेकिंग के निर्देश

    आयुक्त सुशील कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बगैर साइलसेंर वाले वाहनों को हतोत्साहित किया जाए। कांवड़ कमेटियों के माध्यम से जनता को जागरूक किया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रत्येक ढाबे, दुकान आदि की नियमित चेकिंग की जाए और दुकान, ढाबे में रेट लिस्ट अवश्य लगवाई जाए।

    कांवड़ मेले की दृष्टि से सभी तैयारियां लगभग पूरी

    कुमार ने कहा कि सहारनपुर व मुजफ्फरनगर से कांवड़ यात्रियों का सबसे ज्यादा दबाव रहता है। उन्होंने एक-एक करके सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, यमुनानगर, करनाल, बिजनौर के अधिकारियों से कांवड़ मेले के सम्बन्ध में की जा रही तैयारियों की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि कांवड़ मेले की दृष्टि से सभी तरह की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं।

    बैठक में इन जिलों के अफसर हुए शामिल

    बैठक में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी बीर सिंह बुदियाल, अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, एडीएम टिहरी कृष्ण कुमार मिश्रा, संयुक्त मजिस्ट्रेट रुड़की अभिनव शाह, सिटी मजिस्ट्रेट नूपुर वर्मा, पुलिस अधीक्षक पौड़ी श्वेता चौबे, एसपी क्राइम व यातायात हरिद्वार रेखा यादव, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, एसडीएम लक्सर विजयनाथ शुक्ल, डीएफओ नीरज शर्मा, ईई विद्युत एसएस उस्मान, रेडक्रास सचिव डा. नरेश चौधरी, एआरटीओ रश्मि पंत आदि मौजूद रहे।