गांव-गांव में डिजिटल चौपाल, “सरपंच संवाद” ऐप से हरिद्वार के प्रधानों का शुरू हुआ पंजीकरण
हरिद्वार जिले में ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों को डिजिटल करने के लिए 'सरपंच संवाद' मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है। इस ऐप के माध्यम से ग्राम प्रधान गांवों में चल रहे विकास कार्यों, शिकायतों और स्वच्छता अभियान से जुड़े डेटा को एक ही प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रख सकेंगे। यह पहल पंचायतों को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे कार्यों की निगरानी और समस्याओं का समाधान तेजी से हो सकेगा।

ललित नारायण मिश्र, सीडीओ हरिद्वार. Jagran
अनुज कटारिया,रुड़की। हरिद्वार जिले में ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों को डिजिटल रूप देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। प्रदेश स्तर पर चल रहे अभियान के तहत अब सभी ग्राम प्रधानों को सरपंच संवाद मोबाइल ऐप से जोड़ा जा रहा है, ताकि गांवों में चल रहे विकास कार्यों, मांग-शिकायतों और स्वच्छता अभियान से जुड़े डाटा को एक ही प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रखा जा सके। यह पहल स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत पंचायतों को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में चलाई जा रही है।
हरिद्वार जिले के रुड़की, भगवानपुर, नारसन, बहादराबाद, खानपुर सभी ब्लॉकों में ग्राम प्रधानों का सरपंच संवाद मोबाइल ऐप पर पंजीकरण तेज़ी से जारी है। भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआइ) द्वारा विकसित यह ऐप देशभर के सरपंचों को डिजिटल रूप से जोड़ने, उनकी जरूरतों, मांगों और गांवों में चल रहे विकास कार्यों को सीधे दर्ज करने के लिए बनाया गया है।
ऐप पर पंजीकरण के बाद ग्राम प्रधान अपने गांव में किए जा रहे कार्यों का विवरण, समस्याएं, सुझाव और योजनाओं से जुड़ी जानकारी तुरंत साझा कर सकेंगे। रुड़की ब्लाॅक के डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह ने बताया कि सरपंच संवाद ऐप डिजिटल प्लेटफॉर्म पंचायत स्तर पर की जाने वाली सभी गतिविधियों की निगरानी और समीक्षा को आसान बनाएगा। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अब ग्राम प्रधानों को गांवों की स्वच्छता, कचरा निस्तारण, शौचालय निर्माण, पेयजल आपूर्ति और सामुदायिक संसाधनों से जुड़े कार्यों का ब्योरा इसी ऐप पर फोटो खींचकर अपडेट करना होगा।
हरिद्वार जिले के सभी ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षण देकर ऐप के उपयोग की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि हरिद्वार जिले के सभी प्रधानों का पंजीकरण समय पर पूरा कराने के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। ब्लॉक स्तर पर पंचायत विभाग की टीमें लगातार गांव-गांव जाकर प्रधानों को ऐप के उपयोग की जानकारी दे रही हैं। डिजिटल युग में पंचायतों की यह नई पहल ग्राम स्तर के लोकतंत्र को मजबूत करेगी।
सरपंच सवांद ऐप के फायदे
-विकास कार्यों की स्थिति का तत्काल अपडेट
-योजनाओं की डिजिटल मॉनिटरिंग, गांव में किसी भी कार्य में लापरवाही पर जवाबदेही
-स्वच्छता और बुनियादी सुविधाओं का बेहतर डिजिटल दस्तावेजीकरण
-शिकायतों के त्वरित निस्तारण की संभावना
-जिले-भर में एक समान और पारदर्शी रिपोर्ट
सरपंच संवाद ऐप पंचायतों की पारदर्शिता बढ़ाने में डिजिटल क्रांति साबित होगा। ग्राम प्रधान अब सीधे ऐप पर अपने गांव का डाटा दर्ज करेंगे। विकास कार्यों की रिपोर्टिंग, योजनाओं की स्थिति और गांव की जरूरतें, सबकुछ डिजिटल हो जाएगा। इससे न सिर्फ काम की गति बढ़ेगी, बल्कि शिकायतों का निस्तारण भी तेजी से हो सकेगा। - ललित नारायण मिश्र, सीडीओ हरिद्वार

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