Uttarkashi Rescue: खराब मौसम बना राहत बचाव कार्य में बाधा, वायुसेना के चार हेलीकॉप्टर बेस लौटे
5 अगस्त को आपदा के बाद धराली और हर्षिल में राहत कार्य जारी है पर मौसम बाधा बन रहा है। वायुसेना के हेलीकॉप्टर बेस कैंप भेजे गए हैं जिससे कार्य प्रभावित हो सकता है। अब तक 1308 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। प्रशासन ने 15 दिनों के लिए राशन भंडारण के निर्देश दिए हैं। आपदा में एक मौत की पुष्टि हुई है 68 लोग लापता हैं।

जागरण संवाददाता धराली। पांच अगस्त को आई आपदा के बाद धराली और हर्षिल क्षेत्र में राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। परंतु लगातार मौसम अनुकूल न रहना इस अभियान के सामने बड़ी चुनौती बना हुआ है। मौसम बिगड़ने के कारण वायुसेना के कुछ हेलीकॉप्टरों को वायु सेना के बेस कैंप भेजा गया है। जिसमें एक चिनूक, एक एमआइ 17 और दो एएलएच शामिल हैं। जिससे राहत कार्य की गति प्रभावित हो सकती है।
अब तक इस अभियान में वायुसेना के दो चिनूक, एक एएलएच, दो एमआई हेलीकॉप्टर तैनात रहे हैं, जबकि आर्मी के एक एएलएच और दो चीता हेलीकॉप्टर तथा यूकाडा के 9 हेलीकॉप्टर लगातार सॉर्टी कर रहे हैं। हर्षिल धराली क्षेत्र में 6 अगस्त से लेकर 16 अगस्त तक कुल 431 सॉर्टी यानी उड़ानें की जा चुकी हैं, जिनमें से केवल 16 अगस्त को ही 19 उड़ानें संचालित की गईं।
इनमें 18 उड़ानें यूकाडा के हेलीकॉप्टरों ने पूरी की, जबकि वायुसेना का एमआई हेलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण बीच में ही धरासू लौट आया। राहत एवं बचाव कार्य में अब तक कुल 1308 यात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। जिला प्रशासन, सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आइटीबीपी की टीमें लगातार इस अभियान में जुटी हुई हैं।
जिला प्रशासन उत्तरकाशी द्वारा जारी सूची के अनुसार, आपदा में अब तक एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 68 लोग अभी भी लापता हैं। इनमें लगभग 25 नेपाल मूल के लोग भी शामिल हैं। इस बीच हर्षिल और धराली में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हेलीकॉप्टरों के जरिए लगातार की जा रही है। लेकिन पिछले दो दिनों से मौसम भी बाधक बन रहा है।
भले ही पिछले 10 दिनों में बड़ी मात्रा में राशन, डीजल, पेट्रोल, स्पेयर पार्ट्स और ताजा खाद्य सामग्री प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाई गई है। मौसम अनुकूल न होने और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए प्रशासन ने आगामी 15 दिनों के लिए रिजर्व राशन का भंडारण करने के निर्देश भी जारी किए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
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