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    अंतिम दौर में Uttarakhand में डेंगू ने बरपाया कहर, एक गांव से मिले 72 मरीज; दावे बेनकाब

    Dengue Outbreak in Roorkee उत्तराखंड के रुड़की में डेंगू का प्रकोप जारी है। नारसन ब्लॉक के ठस्का गांव से डेंगू के अप्रत्याशित मामले सामने आना चिंता का विषय है। स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुल रही है। गांव में जलभराव और लोगों में जागरूकता की कमी मुख्य कारण हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    By ankit yadav Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 27 Oct 2024 05:16 PM (IST)
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    Dengue Outbreak: डेंगू के अब तक 72 मामले सामने आ चुके हैं। प्रतीकात्‍मक

    अंकित यादव, जागरण, रुड़की। Dengue Outbreak: हरिद्वार जिले में स्थित नारसन ब्लॉक के ठस्का गांव से डेंगू के अब तक 72 मामले सामने आ चुके हैं। इससे ठस्का समेत आस-पास के गांवाें में भी हड़कंप मचा हुआ है। जहां एक ओर डेंगू का सीजन अपने अंतिम दौर में है, वहीं वह जाते-जाते सिस्टम के दावों की पोल खोल रहा है।

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    गांव से हर रोज करीब 100 लोगों के ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं। डेंगू के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में जिलाधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं।

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    भगवान भरोसे चल रहा काम

    सिस्टम की क्रियान्वयन नीति अगर सही न हो तो वह कब सवालों के घेरे में खड़ा हो जाएगा पता भी नहीं चलेगा। सरकारी दावे तभी तक सही माने जा सकते हैं जब तक सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा हो। वह चाहे भगवान भरोसे सही चल रहा हो या इस दिशा में किए जा रहे प्रयास फलीभूत हो रहे हों। इसका एक सटीक उदाहरण हरिद्वार जिले में स्थित नारसन ब्लॉक के ठस्का गांव ने भी पेश कर दिया है।

    यहां पर डेंगू ने कुछ इस तरह कहर बरपाया कि सिस्टम के दावों की परतें खुलती चली गईं। स्वास्थ्य विभाग पिछले दो महीने से डेंगू के राेकथाम के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा था। इसके लिए विभाग ने बड़े स्तर पर मानवीय और तकनीकी संसाधनों का भी सहारा लिया। दो-ढाई महीने तक सब कुछ ठीक-ठाक चलने से लोग स्वास्थ्य विभाग की तारीफ भी कर रहे थे। लेेकिन डेंगू ने जाते-जाते स्वास्थ्य विभाग के दावों की परतों को उधेड़ कर रख दिया।

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    गांव में जल भराव और लोगों में जागरूकता की कमी ने बढ़ाई परेशानी

    जिला मलेरिया अधिकारी गुरमान सिंह बताते हैं कि गांव में पहले से जल भराव था। साथ ही लोग डेंगू को लेकर जागरूक नहीं थे। यही मुख्य कारण रहा कि नारसन के ठस्का गांव में डेंगू के इतने अधिक मामले देखने को मिले हैं। स्थिति को नियंत्रित करने की दिशा में काम किया जा रहा है।

    गांव में साफ-सफाई के लिए टीम को लगाया गया है। साथ ही फॉगिंग भी कराई जा रही है। आशा और आंगनबाड़ी कर्मचारी घर-घर जाकर डेंगू का लार्वा नष्ट कर रही हैं। -जयेंद्र भारद्वाज, ग्राम विकास अधिकारी, नारसन ब्लॉक

    नारसन ब्लॉक के ठस्का गांव से डेंगू के अप्रत्याशित मामले सामने आना चिंता का विषय है। स्वास्थ्य विभाग इसके सभी पहलुओं को परखने का प्रयास कर रहा है। भविष्य में इस तरह के घटनाक्रम की पुनरावृत्ति न हो इस दिशा में विभाग रणनीति बना रहा है। - डा. आरके सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, हरिद्वार