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    Metro: सतह से 25 फीट ऊपर चलेगी देहरादून-ऋषिकेश-हरिद्वार मेट्रो, न तो रेलवे ट्रैक होगा और न ही इस्पात के पहिये

    By Anoop kumar singhEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Fri, 21 Apr 2023 02:59 PM (IST)

    Dehradun Metro देहरादून-ऋषिकेश-हरिद्वार मेट्रो जमीन से 25 फीट की ऊंचाई पर हवा में चलेगी। रबड़ के पहिए वाली यह मेट्रो जमीन से 25 फीट की ऊंचाई पर बने एलिवेटेड कारीडोर पर रेल गाइडिंग सिस्टम तकनीक से संचालित होगी।

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    Dehradun Metro: देहरादून-ऋषिकेश-हरिद्वार मेट्रो जमीन से 25 फीट की ऊंचाई पर हवा में चलेगी।

    अनूप कुमार सिंह, हरिद्वार: Dehradun Metro: देहरादून-ऋषिकेश-हरिद्वार मेट्रो जमीन से 25 फीट की ऊंचाई पर हवा में चलेगी। आधुनिक निओ मेट्रो में दिल्ली मेट्रो की तरह न तो रेलवे ट्रैक होगा और न ही इस्पात के पहिये होंगे।

    रबड़ के पहिए वाली यह मेट्रो जमीन से 25 फीट की ऊंचाई पर बने एलिवेटेड कारीडोर पर रेल गाइडिंग सिस्टम तकनीक से संचालित होगी। अभी तक इस तकनीक का प्रयोग यूरोप और लंदन में ही हो रहा है। यह एक बार में 90 से 120 सवारी को उनके गंतव्य पर पहुंचाने का काम करेगी।

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    निओ मेट्रो को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि यह देहरादून-ऋषिकेश और हरिद्वार के स्थानीय निवासियों के साथ-साथ आने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों की आवश्यकता को पूरा कर सके। निओ मेट्रो को पाड टैक्सी से भी जोड़ा जाएगा।

    योजना है कि इसे मुजफ्फरनगर मेट्रो के रास्ते मेरठ मेट्रो से जोड़ जाएगा। ताकि आने वाले सालों में जब देहरादून-हरिद्वार-दिल्ली हाईवे पर वाहनों का दबाव अधिक हो जाए तो उस समय देहरादून से दिल्ली की यात्रा का सर्वाधिक सुलभ और सुगम साधन बन सके।

    डीपीआर स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजी

    देहरादून मेट्रो की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है। वहां से स्वीकृति मिलते ही इस पर काम आगे बढ़ा दिया जाएगा। साथ ही, इस अनुसार हरिद्वार-ऋषिकेश मेट्रो की डीपीआर पर काम आरंभ हो जाएगा।उत्तराखंड मेट्रो के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) गोपाल शर्मा ने बताया कि हरिद्वार पाड टैक्सी के लिए निविदा निकाली जा चुकी है। इसके जून तक कार्य आवंटन किए जाने की संभावना है। इसके बाद तीन से चार माह के बीच अन्य आवश्यक कार्य होने है।

    संभावना है कि दिसंबर तक धरातल पर इसके निर्माण का कार्य आरंभ हो जाएगा। इसे पूरा होने में करीब ढाई वर्ष का समय लगेगा। पर, योजना के अनुसार बीच-बीच में दिल्ली मेट्रो की तरह छोटे-छोटे यात्रा रूट पर ट्रायल के तौर पर इसे चलाया जाएगा। देहरादून मेट्रो की डीपीआर स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार के पास है। स्वीकृति के साथ ही देहरादून में इस पर कार्य आरंभ हो जाएगा। इसके बाद इसी आधार पर हरिद्वार और ऋषिकेश मेट्रो पर काम शुरू होगा।

    चालक रहित होगी पाड टैक्सी, हर पांच सेकेंड में होगी संचालित

    शहरी क्षेत्र के सार्वजनिक परिवहन में सुधार और यात्रा की सुगमता के लिए पाड टैक्सी की शुरुआत हो रही है। पाड टैक्सी चालक रहित होगी। बिना चालक के इसे कंप्यूटराइज एकीकृत संचालन केंद्र से चलाया जाएगा। हर पांच सेकेंड में पाड टैक्सी का संचालन होगा।

    पाड टैक्सी का 20 से 90 रुपये तक होगा किराया

    पाड टैक्सी का किराया 20 से 90 रुपये तक होगा। इसमें पहले किमी का किराया 20 रुपये रखा जाएगा। संचालन के समय इसमें फेरबदल संभावित है। इसमें निजी व सरकारी अन्य सार्वजनिक परिवहन की तरह यात्रियों के साथ शेयरिंग के अलावा पूरा बुक भी किया जा सकेगा। बुकिंग के समय पाड टैक्सी अपने गंतव्य तक बिना रुके सीधे चलेगी।

    मेट्रो अधिकारियों ने संतों और विधायक कौशिक से की मुलाकात

    उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन के निदेशक ब्रजेश कुमार मिश्र, जनसंपर्क अधिकारी गोपाल शर्मा और अवर अभियंता सौरभ पटवाल ने विधायक मदन कौशिक से मुलाकात की। इसके अलावा अधिकारियों ने निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (निरंजनी) के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज से भी मुलाकात की।