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    Haridwar News: जिले में 20 सुस्त दरोगाओं की तैयारी हो रही है लिस्ट, कसा जाएगा विभागीय शिकंजा

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 03:00 AM (IST)

    हरिद्वार में विवेचना में सुस्ती बरतने वाले दारोगाओं पर शिकंजा कसने की तैयारी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सुस्त दारोगाओं की सूची मांगी है क्योंकि चार्जशीट में देरी से न्याय प्रक्रिया प्रभावित हो रही है और पीड़ित पक्ष को परेशानी हो रही है। एसएसपी ने विवेचना में ढिलाई बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी है। मुख्यालय स्तर पर समीक्षा के बाद जिलास्तर पर कार्रवाई की तैयारी है।

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    जिले में सुस्त दारोगाओं की तैयारी हो रही सूची। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार। जिले की अधिकांश थाना-कोतवालियों में प्रभारियों की कुर्सी हिलने के बाद अब विवेचनाओं में सुस्ती बरतने वाले दारोगाओं पर भी नकेल कसने की तैयारी शुरू हो गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने सभी भी सर्किल आफिसरों से सुस्त दरोगाओं की सूची तलब की है, ताकि उन पर विभागीय शिकंजा कसा जा सके। सूची तैयार होने के बाद उन पर कार्रवाई होगी।

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    विवेचना की रफ्तार धीमी होने का असर न्याय प्रक्रिया पर असर पड़ रहा है। चार्जशीट में हो रही देरी से पीड़ित पक्ष महीनों तक न्याय की राह तकता रहता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, हाल के दिनों में वरिष्ठ अधिकारियों तक लगातार ऐसी शिकायतें पहुंची हैं कि विवेचकों ने कई मामलों में महीनों बीत जाने के बावजूद चार्जशीट दाखिल नहीं की।

    परिणामस्वरूप न केवल अदालत की कार्यवाही अटक गई, बल्कि पीड़ित पक्ष को अनावश्यक मानसिक पीड़ा भी झेलनी पड़ी। दो दिन पहले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने विवेचनाओं की समीक्षा बैठक बुलाते हुए सभी राजपत्रित अधिकारियों से सुस्त दारोगाओं के नाम की सूची मांगी है।

    सूत्र बताते हैं कि जिले में 20 से ज्यादा दारोगा इस सूची में शामिल होने के बाद कार्रवाई की जद में आने तय हैं। बैठक में एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने साफ किया है कि विवेचना में ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी।

    चार्जशीट समय पर दाखिल करना पुलिस की सबसे अहम जिम्मेदारी है। इसमें देरी का सीधा मतलब है पीड़ित को न्याय मिलने में विलंब। इसलिए सुस्त रवैया अपनाने वाले अफसरों को चिह्नित कर उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई तय की जाएगी।

    मुख्यालय स्तर पर हो रही समीक्षा

    पिछले दिनों डीजीपी दीपम सेठ ने प्रदेश भर के पुलिस अधिकारियों की बैठक लेते हुए विवेचनाओं में सुस्ती पर नाराजगी जताई थी। जिसके बाद पुलिस मुख्यालय स्तर पर जिले वार विवेचनाओं की समीक्षा की जा रही है।

    ऐसे में जिलास्तर पर भी अब गंभीरता के साथ कार्रवाई की तैयारी है। माना जा रहा है कि रिपोर्ट मिलते ही कई दारोगाओं पर गाज गिर सकती है।

    समय पर विवेचना पूरी करने के निर्देश लगातार बैठकों में दिए जा रहे हैं। कुछ थानों में विवेचक अनावश्यक रूप से जांच पूरी करने में देरी कर रहे हैं। इन्हें चिह्नित करते हुए राजपत्रित अधिकारियों से नाम मांगे गए हैं। रवैया नहीं सुधारा गया तो कार्रवाई की जाएगी। -प्रमेंद्र डोबाल, एसएसपी।