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जाति प्रमाण पत्र को लेकर चैंपियन और कर्णवाल आमने-सामने

खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के बीच पिछले एक माह से चल रही जुबानी जंग अब थाने तक पहुंच गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 04:16 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 04:16 PM (IST)
जाति प्रमाण पत्र को लेकर चैंपियन और कर्णवाल आमने-सामने

रुड़की, जेएनएन। भाजपा के खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के बीच पिछले एक माह से चल रही जुबानी जंग अब थाने तक पहुंच गई है। विधायक चैंपियन ने अपनी ही पार्टी के विधायक देशराज कर्णवाल के खिलाफ कोतवाली रुड़की में तहरीर दी है। आरोप है कि कर्णवाल को साल 2005 में जारी हुआ जाति प्रमाण पत्र फर्जी है। उन्होंने प्रमाण पत्र की जांच कराने की मांग की है। उधर, विधायक देशराज कर्णवाल ने भी चैंपियन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि विधायक चैंपियन उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। 11 अप्रैल के बाद इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। 

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चैंपियन सोमवार शाम फिर से कोतवाली रुड़की पहुंचे। उन्होंने कोतवाली निरीक्षक अमरजीत से मिलकर कर्णवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। विधायक चैंपियन ने बताया कि उन्होंने रविवार को विधायक देशराज के खिलाफ एक तहरीर दी थी। जिसमें उनका आरोप था कि एक जुलाई 2005 को विधायक देशराज कर्णवाल को जारी हुआ जाति प्रमाण पत्र फर्जी है। 

तत्कालीन उपजिलाधिकारी रुड़की ने इसकी जांच कराई गई थी, जिसमें पाया गया था कि लेखपाल से मिलकर विधायक देशराज कर्णवाल ने यह प्रमाण पत्र बनवाया था। जांच सही मिलने पर लेखपाल को निलंबित कर दिया गया था, साथ ही उसकी चरित्र पंजिका पर भी प्रतिकूल प्रविष्टि की गई थी। वह इस संबंध में मुकदमा दर्ज करवाने आए हैं। उनका दावा है कि मामले की जांच होने पर विधायक देशराज कर्णवाल की विधानसभा सदस्यता समाप्त होगी और उन्हें जेल जाना पड़ेगा। 

वहीं झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल का कहना है कि वर्ष 2005 में वह जिला पंचायत सदस्य थे। विधायक चैंपियन की पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ रही थीं। चैंपियन चाहते थे कि वह उनके पक्ष में वोट करें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इस बात से रंजिश रखते हुए विधायक चैंपियन ने उनके खिलाफ साजिश रचते हुए अपने लोगों से सहारनपुर में उनका एक फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया। सहारनपुर तहसीलदार को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने प्रमाण पत्र से अपने हस्ताक्षर काट दिए, लेकिन चैंपियन के समर्थकों ने वह प्रमाण पत्र हासिल कर लिया। 

इस आधार पर उनकी झूठी शिकायत की गई, लेकिन चुनाव आयोग में शिकायत गलत पाई गई। इसके चलते उन्होंने चैंपियन समर्थक जयपाल आदि के खिलाफ 30 अप्रैल 2007 को कोतवाली रुड़की में मुकदमा दर्ज कराया। इसकी चार्जशीट भी दाखिल हुई, लेकिन बाद में कांग्रेस की सरकार होने के चलते चैंपियन ने दबाव देकर इस चार्जशीट को वापस करवा दिया। इसकी जांच अभी चल रही है। इसमें विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के समर्थकों की गिरफ्तारी होनी है। इसी के चलते चैंपियन मामले को घुमाने का प्रयास कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद इस मामले में चैंपियन के खिलाफ पार्टी की ओर से भी कार्रवाई होगी। साथ ही झूठी तहरीर देने पर भी उनके खिलाफ मुकदमा होगा। साजिश रचने वाले उनके समर्थक जेल जाएंगे। 

कोतवाली रुड़की प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह ने बताया कि विधायक चैंपियन की तहरीर को विधायक देशराज कर्णवाल की ओर से अप्रैल 2007 में दर्ज मुकदमे के साथ सम्मिलित कर लिया गया है। मामले की विवेचना शुरू कर दी गई है। 

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