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    हरिद्वार में सीएम धामी की अखाड़ा प्रतिनिधियों के साथ बैठक, अर्द्धकुंभ 2027 पर हुई बात

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 12:22 PM (IST)

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में अखाड़ा प्रतिनिधियों के साथ अर्धकुंभ मेला 2027 की तैयारियों पर चर्चा की। इस बैठक में 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जूना अखाड़ा के श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के बयानों के बाद मुख्यमंत्री ने संतों के साथ बैठक करने का फैसला किया। मुख्यमंत्री ने अर्धकुंभ को भव्य रूप से आयोजित करने के लिए सुझाव मांगे।

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    अर्धकुंभ को लेकर मुख्यमंत्री अखाड़ों को करेंगे आमंत्रित और लेंगे सुझाव। जागरण

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार। अर्धकुंभ मेला 2027 की तैयारियों और अखाड़ों को अर्धकुंभ मेले में आमंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज शुक्रवार को हरिद्वार डाम कोठी में अखाड़ा प्रतिनिधियों के साथ पहली बैठक की। इस बैठक में मेला प्रशासन की ओर से 13 अखाड़ों के दो-दो सचिव या नामित प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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    कुछ दिन पहले जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महराज ने अर्धकुंभ को लेकर बयान जारी किए। जिससे अखाड़ों के संतों के साथ शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया था। मेला प्रशासन ने किसी तरह से श्रीमहंत हरिगिरि को मनाने का प्रयास किया। जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी संतों के साथ शीघ्र ही बैठक करने का निर्णय लिया।

    मुख्यमंत्री के निर्देश पर मेला प्रशासन की ओर से बैठक 28 नवंबर को तय की गई। इसको लेकर मेला प्रशासन ने बृहस्पतिवार को सभी तैयारियां पूरी कर दी है। बैठक में सभी अखाड़ों के दो-दो प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। परंपरा के अनुसार के अनुसार कुंभ और अर्धकुंभ को लेकर होने वाली पहली बैठक में मुख्यमंत्री अखाड़ों के प्रतिनिधियों सुझाव मांगते हैं, साथ ही उन्हें और अखाड़ों से जुड़े सभी संतों को मेले में आने के लिए आमंत्रित करते हैं।

    इस बैठक में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अखाड़ों को आमंत्रित करने के साथ अर्धकुंभ को भव्य व दिव्य रूप से आयोजित करने के लिए सुझाव मांगें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही कह चुके हैं कि अर्धकुंभ को कुंभ की तरह भव्य व दिव्य रूप में आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा इस बैठक में अखाड़ा परिषद को लेकर चल रही बयानबाजी पर भी विराम लगने की उम्मीद है।