बीएचईएल और सीएसआइआर ने मिलकर बनाई इलेक्ट्रोस्टेटिक डिसइन्फेक्शन मशीन
कोरोना महामारी को देखते हुए बीएचईएल हरिद्वार और वैज्ञानिक एवं सीएसआइआर ने मिलकर एक इलेक्ट्रोस्टेटिक डिसइन्फेक्शन मशीन तैयार की है।
हरिद्वार, जेएनएन। कोरोना महामारी लगभग पूरी दुनिया में पैर पसार चुकी है। इसी को देखते हुए भारत हैवी इलेक्टिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) हरिद्वार और वैज्ञानिक एवं औद्यौगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) ने मिलकर एक इलेक्ट्रोस्टेटिक डिसइन्फेक्शन मशीन तैयार की है। बीएचईएल की हैवी इलेक्टिकल्स इक्यूपमेंट प्लांट (हीप) इकाई के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी ने शनिवार को इस मशीन का लोकार्पण किया।
गुलाटी ने कहा कि अस्पताल, क्वारंटाइन सेंटर, स्कूल कार्यालय, अतिथि गृहों आदि में कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में यह मशीन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस मशीन से प्रथम चरण में बीएचईएल के अस्पताल परिसर में बड़े पैमाने पर कीटाणुनाशक का छिड़काव किया गया। बताया कि इस पोर्टेबल मशीन के माध्यम से इंडोर एरिया जैसे कि अस्पताल, कार्यालय आदि के अंदर भी प्रभावी रूप से कोविड डिसइन्फेक्टेंट का छिड़काव किया जा सकेगा। इसमें डिसइन्फेक्टेंट की कम मात्र का प्रयोग होने से उसकी बचत भी होगी। साथ ही इस मशीन से निकलने वाली तीव्र, सूक्ष्म और आवेशित तरल बूंदें बारीक सतहों तक पहुंचकर एक कीटाणुनाशक परत बनाने का कार्य करती हैं।
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संक्रमण से चिकित्सकों की रक्षा करेगी फेस शील्ड
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए रुड़की आइआइटी ने एक खास तरह की फेस शील्ड बनाई है। पूरे चेहरे को ढकने वाला यह कवच कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए संक्रमण के खतरे को कम करेगा। अभी इसकी लागत प्रति पीस 45 रुपये है। आइआइटी जल्द ही ऐसी 100 फेस शील्ड ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को सौंपेगा।
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