Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Bhai Dooj: दुर्लभ संयोग में मनाया जाएगा भैया दूज, ये है तिलक का शुभ मुहूर्त

    By Rena Edited By: Nirmala Bohra
    Updated: Wed, 22 Oct 2025 04:46 PM (IST)

    इस वर्ष भैया दूज आयुष्मान योग के शुभ संयोग में मनाया जा रहा है। दोपहर 1:15 से 3:30 बजे तक का समय विशेष शुभ है। यह पर्व यमराज और यमुना के स्नेह का प्रतीक है, जिसमें भाई बहन के घर जाकर तिलक करवाता है। इस दिन यमुना में स्नान और दान करने से शनि और यम की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

    Hero Image

    भैया दूज पर आयुष्मान योग का दुर्लभ संयोग। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, रुड़की। इस बार भैया दूज पर आयुष्मान योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इससे भाइयों को दीर्घायु मिलने के साथ ही बहनों के लिए भी शुभ रहेगा। वहीं गुरुवार को भैया दूज का पर्व मनाने के लिए दोपहर एक बजकर 15 मिनट से लेकर तीन बजकर 30 मिनट के मध्य का मुहूर्त विशेष शुभ रहेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भैया दूज का पर्व मनाया जाता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की परिसर स्थित श्री सरस्वती मंदिर के आचार्य राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि यह पर्व यमराज और उनकी बहन यमुना से संबंधित है। वैसे तो इस पर्व के पीछे कई पौराणिक मान्यताएं हैं। जिनमें यमराज की कथा सबसे प्रसिद्ध है। उन्होंने बताया कि यम की बहन यमुना अपने भाई को घर बुलाने के लिए बार-बार आग्रह करती थी। लेकिन समय अभाव के कारण यमराज नहीं जा पाते थे।

    एक दिन यमराज अपनी बहन के घर पहुंचे तो बहन यमुना ने उनका आदर सत्कार करके उनका तिलक किया। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने बहन यमुना को वरदान दिया कि आज के दिन जो भी भाई बहन के घर जाकर उससे तिलक करवाएगा उसे दीर्घायु की प्राप्ति होगी और यम की पीड़ा नहीं सताएगी। इसीलिए भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।

    आचार्य राकेश शुक्ल ने बताया कि इस बार भाई दूज पर आयुष्मान नामक बहुत ही शुभ योग बन रहा है। इससे भाइयों को दीर्घायु प्राप्त होगी। साथ ही यह पर्व बहनों के लिए भी अत्यंत शुभ रहेगा। इस बार भाइयों का तिलक करने का समय पूरे दिन रहेगा। भद्रा का कोई व्यवधान नहीं रहेगा।

    भैया दूज के दिन यमुना नदी में स्नान करने का विशेष महत्व

    रुड़की: आचार्य राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि 22 अक्टूबर के रात्रि लगभग आठ बजकर 15 मिनट पर द्वितीया तिथि प्रारंभ हो गई। जो 23 अक्टूबर की रात लगभग 11 बजकर 45 मिनट तक विद्यमान रहेगी। उनके अनुसार भैया दूज का पर्व मनाने के लिए दोपहर लगभग एक बजकर 15 मिनट से लेकर तीन बजकर 30 मिनट के मध्य का मुहूर्त सबसे श्रेष्ठ होगा।

    उन्होंने बताया कि भैया दूज के दिन यमुना नदी में स्नान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन यमुना नदी में स्नान करने से भी शनि और यम की पीड़ा से मुक्ति प्राप्त होती है। माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। जबकि इस दिन शनि और यम के निमित्त दान करने से शारीरिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।