Kanwar Yatra 2025: मां को कांवड़ पर ले जा रहा अलीगढ़ का बेटा, 15 दिन में पूरा करेगा 300 KM का सफर
अलीगढ़ के संजय अपनी मां पुष्पा देवी को कांवड़ यात्रा करा रहे हैं। एक साल पहले इसका संकल्प लिया था। संजय मां को कांवड़ में विराजमान कर हरिद्वार से अलीगढ़ तक 300 किलोमीटर की यात्रा 15 दिनों में पूरी करेंगे। पुष्पा देवी बेटे को आशीर्वाद देती हैं और कहती हैं कि ऐसा बेटा सबको मिले। परिवार खेती-किसानी से जुड़ा है।

शैलेंद्र गोदियाल, जागरण हरिद्वार। आधुनिकता की चकाचौंध में जब रिश्तों की गर्माहट भी ठंडी पड़ने लगे और मां-बाप वृद्धाश्रमों की दहलीज पर इंतजारी में हों या घर पर तिरस्कार झेल रहे हों। तब ऐसे कलियुगी दौर में संजय (संजू बाबा) जैसे बेटे श्रवण कुमार की मिसाल बन रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद की तहसील खैर के छोटे से गांव बिलखोरा निवासी संजय ने भगवान भोलेनाथ के लिए कांवड़ में एक ओर मां गंगा के अमृत कलश तो दूसरी ओर जीवनदायिनी मां पुष्पा देवी को विराजमान किया। मां को कांवड़ यात्रा पर लाने का संकल्प संजय ने एक वर्ष पहले ले लिया था।
अलीगढ़ का संजू बाबा मां पुष्पा देवी को करा रहा कांवड़ यात्रा
संजू बाबा ने सोमवार को हरकी पैड़ी पर मां पुष्पा देवी के साथ पूजा अर्चना की। फिर कांवड़ तैयार कर अपने गंतव्य की ओर आगे बढ़ा। हरिद्वार से अलीगढ़ तक की करीब तीन सौ किलोमीटर लंबी पदयात्रा पूरी करने की लक्ष्य संजू बाबा ने 15 दिन रखा है। संजू बाबा ने मीडियाकर्मियों से कहा कि मुझे कोई खबर नहीं छपवानी। किसी तरह से बातचीत करने को संजू बाबा तैयार हुआ।
संजू बाबा ने बेहद संकोच के साथ कहा कि सेवा दिखावे का विषय नहीं है, जो मैं कर रहा हूं यह तो मेरी आत्मा की पुकार है। यह तो मेरा सौभाग्य है कि मैं अपनी मां की सेवा कर पा रहा हूं। सेवा आत्मा से होती है, प्रचार से नहीं। आजकल के लोग मां-बाप को वृद्धाश्रम भेज देते हैं। जबकि असली मंदिर तो मां-बाप के चरणों में है। जो मां-बाप की सेवा नहीं कर सकते उनका मंदिरों में जाकर पूजा करना व्यर्थ है।
मां जपती हैं शिव का नाम
संजय की 65 वर्षीय मां पुष्पा देवी कहती है कि “मैं पूरे रास्ते भगवान शिव का नाम जपती हूं और बेटे का आशीर्वाद देती हूं। बस मेरी कामना है कि ऐसा बेटा सबको मिले। मैं प्रार्थना करती हूं कि जैसा मेरा बेटा मेरी सेवा कर रहा है, वैसे ही इसके बच्चे भी इसकी सेवा करें।” संजय ने बताया कि उसे पिता किसान हैं, वह भी किसानी करता है। इन दिनों खेती का काम कम रहता है तो पिछले आठ वर्षों से कांवड़ भी उठा रहा है।
भांजे के जन्म पर मामा उठा रहा 61 किलो की कलश कांवड़
मामा-भांजे के स्नेह की डोर भी खास होती है। इसकी झलक कांवड़ मेले में भी दिखी है। गाजियाबाद के संजय नगर निवासी कपिल सैनी ने अपने भांजे के जन्म का संकल्प पूरा होने पर हरकी पैड़ी से कांवड़ उठाई। कपिल सैनी की 61 किलो वजनी कलश कांवड़ है। इस कांवड़ यात्रा में रास्ता सुरक्षित करने के लिए उसके दोस्त भी उसका सहयोग कर रहे हैं।
कपिल सैनी ने बताया कि यह उनकी तीसरी कांवड़ यात्रा है, पर इस बार कांवड़ यात्रा विशेष है। उसके भांजे का जन्म कुछ समय पहले हुआ है। उसके जन्म से पहले उसने संकल्प लिया था। उसी की मंगलकामना के लिए उसने 61 किलो वजनी कलश कांवड़ उठा रहा हूं।
कपिल सैनी की कांवड़ विशेष रूप से सजी है। उस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भगवान शिव का चित्र है। कपिल कहते हैं कि जब से योगी जी सत्ता में आए हैं, तब से कांवड़ यात्रा का स्वरूप और भी व्यवस्थित हुआ है। उत्तर प्रदेश में पहुंचते ही कांवड़ यात्रियों का खास स्वागत होता है।
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