सजा होने के 23 साल बाद गिरफ्तार हुआ अपहरण का अभियुक्त
एक डॉक्टर का अपहरण कर फिरौती मांगने वाले अभियुक्त को पुलिस ने सजा होने के 23 साल बाद गिरफ्तार किया है।
हरिद्वार, जेएनएन। वर्ष 1995 में एक डॉक्टर का अपहरण कर फिरौती मांगने वाले अभियुक्त को पुलिस ने सजा होने के 23 साल बाद गिरफ्तार किया है। वह सीमावर्ती बिजनौर, उत्तर प्रदेश के गंगा क्षेत्र स्थित एक मंदिर में सेवक बनकर रह रहा था। पुलिस ने ग्रामीण की सूचना पर छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के मुताबिक, लक्सर कोतवाली क्षेत्र के अकोढ़ा गांव निवासी डॉ. ब्रह्मदत्त का वर्ष 1995 में अपहरण हुआ था। तब बदमाशों ने डॉक्टर के परिवार से फिरौती भी मांगी थी। बताया जाता है कि कुछ रकम बदमाशों को चुकाई भी गई थी। जिसके बाद डॉक्टर को सकुशल बरामद कर लिया गया था। इस मामले में आठ बदमाशों के खिलाफ अपहरण व फिरौती का मुकदमा दर्ज किया गया था। जिनमें प्रतापपुर गांव निवासी गुलाब सिंह पुत्र इंदिरा भी शामिल था। न्यायालय में सुनवाई के बाद उसको वर्ष 1995 में अपहरण कर फिरौती मांगने के जुर्म में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। लेकिन इसके बाद वह फरार हो गया। काफी तलाश करने के बावजूद उसका सुराग नहीं लग पा रहा था।
पुलिस ने आरोपित के खिलाफ दो बार कुर्की की कार्रवाई भी की। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। इस दौरान कोतवाली प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र सिंह नेगी को अभियुक्त गुलाब सिंह के उत्तराखंड से सटे उत्तर प्रदेश के गंगा क्षेत्र की बस्ती में भेष बदलकर रहने की जानकारी मिली। पुलिस ने पहले गोपनीय तरीके से उसके होने की तस्दीक की। इसके बाद गुरुवार को पुलिस को गंगा क्षेत्र में दबिश देकर अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया। कोतवाली लाकर पूछताछ करने पर उसने बताया कि सजा सुनाए जाने के बाद फरार होकर वह गंगा क्षेत्र में ही छिपकर रहा था। कोतवाल ने बताया कि पूछताछ के बाद गुलाब सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कोतवाली में दस्तावेज नहीं, अभियुक्त ने बयान की कहानी
अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय लक्सर खानपुर क्षेत्र में बूक का जंगल अपहरण के लिए पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बदनाम था। बदमाश दूर-दूर से धनाढ्य लोगों का अपहरण कर जंगल में रखते थे। डॉ. ब्रह्मदत्त का अपहरण भी उसी दौरान हुआ था। मामला करीब ढाई दशक पुराना और उत्तर प्रदेश के समय का होने के चलते वर्तमान में लक्सर कोतवाली में उससे जुड़ा कोई दस्तावेज भी मौजूद नहीं है। मगर अभियुक्त फरार होने के चलते कोर्ट से लगातार गिरफ्तारी वारंट और कुर्की वारंट जारी किए जा रहे थे।
गुलाब सिंह को जिस मुकदमे में गिरफ्तार किया गया है, उसके बारे में ज्यादा जानकारी भी पुलिस को नहीं थी। एसएसआइ रणवीर सिंह चौहान ने गुलाब सिंह से पूछताछ की तो उसने खुद डॉ. ब्रह्मदत्त के अपहरण की कहानी बयान की। हालांकि शुरुआत में उससे पुलिस कुछ उगलवा नहीं पाई। पुलिस का कहना है कि धूने पर रहने के दौरान गुलाब नशे का आदी हो गया। बमुश्किल उससे केस से जुड़ी जानकारी जुटाई गई।
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