बाल संस्कार से बालकों को भोजन, वस्त्र एवं आवास देना उद्देश्य
विश्व हिदू परिषद की ओर से हरिद्वार के प्रखंड मायापुर में मातृशक्ति एवं दुर्गावाहिनी ने बाल संस्कार एवं प्रौढ़ शिक्षा केंद्र की शुरुआत की।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: विश्व हिदू परिषद की ओर से हरिद्वार के प्रखंड मायापुर में मातृशक्ति एवं दुर्गावाहिनी ने बाल संस्कार एवं प्रौढ़ शिक्षा केंद्र की शुरुआत की। इस दौरान विश्व हिदू परिषद की प्रांत उपाध्यक्ष संध्या कौशिक ने बाल संस्कार के विषय पर कहा कि विश्व हिदू परिषद का उद्देश्य बाल संस्कार के माध्यम से बालकों को भोजन, वस्त्र एवं आवास प्रदान करना, बच्चे के लिए स्वास्थ्यवर्धक वातावरण प्रदान करना, उन साधनों की व्यवस्था करना जो शारीरिक विकास के लिए आवश्यक हैं।
इसके अलावा बच्चे को खेलों से परिचित कराना एवं प्रशिक्षित करना, स्वास्थ्यकर आदतें विकसित करना हैं। बच्चों को ऐसे वातावरण में शिक्षा देना जिसमें कोई डर, धमकी ना हो। संगठन बाल संस्कार केंद्र के माध्यम से बच्चों को प्रेम से पढ़ना, लिखना सिखाना के साथ सामाजिक दक्षता एवं संस्कार नैतिक एवं आध्यात्मिक विकास करना है। मातृशक्ति विश्व हिदू परिषद की प्रांत संयोजक नीता कपूर संस्कार शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि मूलत: संस्कार का अभिप्राय उन धार्मिक कृत्यों से है, जो किसी व्यक्ति को समुदाय का पूर्ण रूप से योग्य सदस्य बनाने के उद्देश्य से उसके शरीर, मन और मस्तिष्क को पवित्र करने के लिए किए जाते थे। लेकिन, हिदू संस्कारों का उद्देश्य व्यक्ति में अभीष्ट गुणों को जन्म देना भी था। प्राचीन भारत में संस्कारों का मनुष्य के जीवन में विशेष महत्व था। संस्कारों से मनुष्य अपनी सहज प्रवृतियों का पूर्ण विकास कर अपना और समाज दोनों का कल्याण करता था। प्रौढ़ शिक्षा पर विचार व्यक्त करते हुए दुर्गावाहिनी उत्तराखंड की प्रांत संयोजक नीलम त्रिपाठी ने कहा कि प्रौढ़ शिक्षा का उद्देश्य उन प्रौढ़ व्यक्तियों को शैक्षिक विकल्प देना है, जिन्होंने यह अवसर गंवा दिया है और औपचारिक शिक्षा आयु को पार कर चुके हैं। लेकिन, अब वे साक्षरता, आधारभूत शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा और इसी तरह की अन्य शिक्षा सहित किसी तरह के ज्ञान की आवश्यकता का अनुभव करते हैं। इस दौरान विभाग संयोजक मातृशक्ति कमलेश, जिला सत्संग प्रमुख दुर्गावाहिनी माया कपूर, मुकेश सिंह प्रांत टोली सदस्य धर्म प्रसार, पूजा सिंह प्रमुख बाल संस्कार केंद्र दुर्गावाहिनी के साथ कई महिलाएं उपस्थित रही।
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