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    कार्रवाई को उत्पीड़न बताया, इस्तीफे की पेशकश

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    Updated: Sat, 09 Feb 2013 01:17 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, रुड़की: पेड़ काटे जाने के मामले में कार्रवाई को विभागीय उत्पीड़न बताते हुए रुड़की के डिप्टी रेंजर (तत्कालीन प्रभारी रेंजर) अनिल कुकरेती ने इस्तीफे की पेशकश की। डिप्टी रेंजर ने एसडीओ रुड़की पर मनमानी और दबाव बनाने के आरोप भी लगाए। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्ति के संबंध में मुख्य वन सरंक्षक को पत्र भेजा है। उन्होंने वन विभाग में भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए कई मामलों के खुलासे करने का भी दावा किया।

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    गौरतलब है कि विभाग के पेड़ों को निजी खेत पर खड़े होना बताने के मामले में डिप्टी रेंजर को रुड़की सब डिविजन से अटैच किया गया था, लेकिन उन्होंने चार्ज नहीं छोड़ा। इस मामले में शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए रुड़की के डिप्टी रेंजर अनिल कुकरेती ने वन विभाग के अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक नवंबर, 2012 को रुड़की में अनीस हाजी की आरा मशीन पर छापा मारकर नौ शीशम की डाट बरामद की गई थी। आरोप है कि कार्रवाई के बाद एसडीओ एसपी सिंह वहां गए और अनीस से सांठगांठ की। एसडीओ ने रजिस्टर में उल्टी मोहर लगाकर बेटे के हस्ताक्षर कराए व स्टाक को सही बताया। जबकि, डिप्टी रेंजर ने बयान लेकर आरा मशीन संचालक के हस्ताक्षर कार्रवाई के दौरान लिए थे। आरोप है कि एसडीओ के निर्देश पर बनी एक टीम बाग-बगीचों को चेक कर रही है, जो अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं। कुछ दिनों पूर्व जनप्रतिनिधियों ने मंगलौर में इसका विरोध करते हुए हंगामा भी किया था।

    अनिल कुकरेती ने बताया कि वर्ष 2009-10 में भगवानपुर के गांव करौंदी में किसान प्रवीण ने यूकेलिप्टिस के पेड़ काटे थे। एसडीओ ने साजिश के तहत इन पेड़ों को विभाग का बताया, जबकि किसान ने कोर्ट से मुकदमा जीतकर एसडीओ की कार्रवाई को गलत साबित किया था। इस मामले में एसडीओ को वादी से समझौता करना पड़ा था। उन्होंने आगे बताया कि 29 जनवरी, 2013 को पुहाना-नारसन मार्ग पर काटे गए यूकेलिप्टिस के पेड़ों को भी वन विभाग ने अपना बताया था, जबकि ये पेड़ खेत मालिक पारुल गोयल के थे। उन्होंने लंबे समय से कुर्सी पर जमे अफसरों व कर्मियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। डिप्टी रेंजर ने अपने खिलाफ हुई कार्रवाई को गलत बताया। उन्होंने कहा कि वे विभागीय उत्पीड़न से तंग आकर वीआरएस की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में मुख्य वन सरंक्षक को पत्र भेजा है।

    'डिप्टी रेंजर अनिल कुकरेती दुर्भावना के कारण इस तरह के बयान दे रहे हैं। काम में कमी बताना मेरी जिम्मेदारी है। दायित्व का निर्वहन करते हुए ही डिप्टी रेंजर के विरुद्ध रिपोर्ट अधिकारी को प्रेषित की। इस पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई। नील गाय की हत्या के संबंध में जारी निर्देश भी जनहित में दिए गए थे।

    एसपी सिंह, एसडीओ, रुड़की रेंज

    'पुहाना में विभाग के पेड़ को दूसरे के बताने पर डिप्टी रेंजर अनिल कुकरेती के खिलाफ कार्रवाई की गई है। विभाग के खिलाफ बयानबाजी करना गंभीर मामला है। तीन-चार मामलों में डिप्टी रेंजर से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। 15 दिन के भीतर जवाब न देने पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। फसलें नष्ट करने की शिकायत पर नील गाय व जानवरों को मारने की अनुमति दी गई है।

    सनातन, डीएफओ, हरिद्वार

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