Kedarnath में हुक्का लेकर पहुंचे युवक मचा रहे थे हुड़दंग, पुलिस ने की कार्रवाई, कहा- धार्मिक स्थलों पर मर्यादा बनाए रखें
पुलिस ने मिशन मर्यादा के तहत हुड़दंग मचा रहे तीन युवकों पर कार्रवाई करते हुए चालान काटा। पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि पुलिस केदारनाथ समेत सभी धामों की मर्यादा और पवित्रता बनाए रखने का हर संभव प्रयास में जुटी है।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों के बीच हुक्का के साथ हुड़दंग मचा रहे तीन युवकों के खिलाफ पुलिस ने मिशन मर्यादा के तहत कार्रवाई करते हुए चालान काटा। पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि पुलिस केदारनाथ समेत सभी धामों की मर्यादा और पवित्रता बनाए रखने का हर संभव प्रयास में जुटी है।
कहा कि कुछ हुड़दंगी तत्व अपनी हरकतों से बाज नहीं आते। केदारनाथ धाम में भी श्रद्धालुओं के बीच कुछ अराजक तत्व हुक्का लेकर हुड़दंग मचा रहे थे, चौकी श्री केदारनाथ पुलिस ने मिशन मर्यादा के तहत तीन युवकों का पुलिस अधिनियम के तहत चालान किया गया है। सभी से अपील है कि धार्मिक स्थलों की मर्यादा बना कर रखते हुए सदाचरण का व्यवहार करें।
यदि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार का कृत्य करता है तो उसके सम्बन्ध में तत्काल नजदीकी पुलिस अथवा डायल 112 पर काल पुलिस को सूचित करें। कहा कि केदारनाथ धाम की पवित्रता बनाए रखें, ऐसा कोई भी कृत्य न करें, जिससे न केवल आप ही बल्कि आपके परिवार और समाज को शर्मिन्दा होना पड़े।
हरिद्वार: कहीं राहगीर तोड़ रहे सिग्नल, कहीं जरूरत के बावजूद ट्रैफिक लाइट नहीं
चारधाम यात्रा सीजन में हाइवे पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं। लेकिन शहर के अंदरूनी यातायात के हालात भी ज्यादा बेहतर नहीं है। इसे सरकारी विभागों में तालमेल की कमी कहें या बिना होमवर्क बजट खर्च की जल्दी, शहर में ऐसे कई चौक-चौराहों पर ट्रैफिक लाइट लगा दी गई, जहां जरूरत ही नहीं थी।
संकरे चौराहे होने के चलते रोजाना हजारों लोग सिग्नल तोड़कर निकल रहे हैं। जबकि शहर के बीचों बीच सबसे ज्यादा व्यस्ततम चौराहे चंद्राचार्य चौक पर ट्रैफिक लाइट नहीं लगाई गई। यहां यातायात पुलिस, सीपीयू और होमगार्ड के जवान मिलकर यातायात का मैन्युअल संचालन कर रहे हैं, बावजूद इसके अव्यवस्था रहती है।
शहर में बीते 18 अप्रैल को नगर निगम की ओर से पांच जगहों पर ट्रैफिक लाइटें लगाई गई थीं। डीएम-एसएसपी व नगर आयुक्त की उपस्थिति में आर्यनगर चौक, हरिलोक तिराहा, सिंहद्वार, वाल्मीकि चौक, शंकराचार्य चौक पर ट्रैफिक लाइटों का शुभारंभ किया गया था।
इनमें हरिलोक तिराहा, सिंहद्वार और शंकराचार्य चाैक पर ट्रैफिक लाइट से यातायात व्यवस्था में सुधार आया। लेकिन आर्यनगर चौक और वाल्मीकि चौक पर जगह बेहद कम हैं, तिकोना चौक होने के चलते यहां सड़कें इस तरह मिलती हैं कि ट्रैफिक को किसी भी साइड में रोकने पर दूसरी तरफ से आने वाला यातायात भी प्रभावित होता है। इसलिए यहां ट्रैफिक लाइट व्यवहारिक नहीं हैं।
यही वजह है कि ट्रैफिक लाइट लगने से यहां अव्यवस्था पैदा हो गई। इसलिए 90 फीसद राहगीर लाइट को देखकर भी अनदेखा करते हुए गुजर जाते हैं। वहीं, दूसरी तरफ मध्य हरिद्वार का सबसे व्यस्तम चौराहा चंद्राचार्य चौक बिना ट्रैफिक लाइट के है। जबकि यहां लाइट की सबसे ज्यादा जरूरत है। पुलिस, यातायात पुलिस, सीपीयू व होमगार्ड के जवान मिलकर यहां यातायात का संचालन करते हैं।
इतनी मैन पावर खर्च होने के बावजूद हर घंटे में कई बार वाहनों की कतार लग जाती हैं। चारों तरफ से दिन भर वाहनों का आवागमन बना रहता है। दबी जुबान से पुलिसकर्मी खुद यहां ट्रैफिक लाइट लगाने की वकालत करते हैं, लेकिन हैरत की बात है कि रोजाना इस चौराहे से गुजरने वाले नगर निगम, प्रशासन या पुलिस विभाग के अधिकारियों को यहां ट्रैफिक लाइट की जरूरत महसूस नहीं होती।