कभी देखी है ड्रोन कबड्डी? पहली बार उत्तराखंड में होगी शुरुआत, नाम की तरह नियम भी हटके
उत्तराखंड में पहली बार ड्रोन कबड्डी शुरू होने जा रही है। यह खेल अपने नाम के अनुसार ही अनूठा है, और इसके नियम पारंपरिक कबड्डी से अलग हैं। ड्रोन कबड्डी के नियम सामान्य कबड्डी से अलग हैं, जो इसे और भी रोमांचक बनाते हैं। उत्तराखंड में इस नए खेल की शुरुआत खेल प्रेमियों के लिए एक नया अनुभव होगा।

भविष्य में आपदा, युद्धाभ्यास आदि संकट की परिस्थिति में ड्राेन पायलटों के रूप हो सकेगा उपयोग। प्रतीकात्मक
तुहिन शर्मा, जागरण देहरादून। आपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर की गई सैन्य कार्रवाई में काफी हद तक स्वदेशी ड्रोन का इस्तेमाल हुआ था, जिसका संदर्भ लेकर उत्तराखंड सरकार ने यहां के युवाओं को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करने और रोजगार से जोड़ने के लिए ड्राेन कबड्डी खेल की परिकल्पना तैयार की है। ताकि भविष्य में आपदा, युद्धाभ्यास आदि संकट की परिस्थिति में प्रशिक्षित खिलाड़ियों का उपयोग ड्रोन पायलटों के रूप में हो सके। ड्रोन कबड्डी की शुरुआत संभवत: देश में पहली बार उत्तराखंड में होने जा रही है। इसके नियम और ड्रोन के चयन को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। जल्द ही यह लांच होगा।
पर्वतीय राज्य होने के कारण आपदाओं के नजरिये से उत्तराखंड काफी संवदेनशील है। कई बार यहां ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो जाती है, कि मानव शक्ति का उपयोग चाह कर भी नहीं हो पाता। तब ऐसी जटिल स्थितियाें में सिर्फ तकनीकी ही काम आती है। लेकिन तकनीक को भी संचालित और नियंत्रित करने के लिए कुशल लोगों की जरूरत होती है। इसी तरह, खेल विभाग ने ड्रोन निर्माणी संस्था डी-टाउन रोबोटिक्स प्रा. लि. के तकनीकी सहयोग से युवाओं को ड्रोन का प्रशिक्षण देने के लिए उसमें कबड्डी का माड्यूल शामिल किया है, ताकि युवा खेल-खेल में ड्रोन से पूरी तरह से प्रशिक्षित हो सकें।
हर वर्ग के युवा कर सकते हैं प्रतिभाग
ड्रोन कबड्डी खेल में हर वर्ग के युवा प्रतिभाग कर सकते हैं। इसकी भी जिला, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी, जिनमें प्रतिभाग कर खिलाड़ी अपने प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे। प्रशिक्षण देने के लिए युवाओं से न्यूनतम शुल्क लिया जाएगा और कुशल प्रशिक्षक के द्वारा उन्हें प्रशिक्षण मिलेगा।
ड्रोन कबड्डी के नियम
- ड्राेन कबड्डी खेल एक नेट कोर्ट के अंदर होता है।
- इसमें एक तरफ एक ड्रोन अटैकर के रूप में होता है, जबकि दूसरी तरफ पांच ड्रोन डिफेंडर होते हैं, जिसमें दो ड्रोन रिजर्व में रहते है, ताकि किसी ड्रोन के छू (टच) जाने पर रिजर्व वालों का उपयोग हो सके।
- यह खेल 30-30 सेकेंड में पांच सेट में होता है।
- हर सेट में अटैकर ड्रोन काे डिफेंडर के पाले में घुस कर उन्हें छूकर वापस आना होता है।
- इसमें अटैकर के प्वाइंट बढ़ते है, अगर वह नहीं छू पाता तो डिफेंडर के प्वाइंट बढ़ते हैं।
- वहीं, अगर अटैकर, डिफेंडर के पाले में अंत तक घुसकर वापस आ जाता है और उन्हें छू नहीं पाता तो बोनस प्वाइंट बनते हैं।
- ड्रोन का पूरा संचालन खिलाड़ी रिमाेट द्वारा करते हैं।
- यह ड्रोन पूरी तरह कवर्ड होते हैं, ताकि टकराने और गिरने पर यह क्षतिग्रस्त न हो।
पांच साल पहले मैंने इसके बारे में जाना था और तब से इसे उत्तराखंड में शुरू कराने का इरादा था। हालांकि अब उत्तराखंड सरकार के सहयोग से इसे पूरे तरह से तैयार कर लिया गया है। जल्द ही इसकी लांचिंग होगी। इससे राज्य के युवा खेल के साथ तकनीकी रूप से कुशल हो सकेंगे।
- अमित सिन्हा, विशेष प्रमुख खेल सचिव

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।