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देहरादून के युवा थिएटर को अब लेने लगे हैं गंभीरता से

देहरादून के युवा थिएटर को अब गंभीरता से लेने लगे हैं। अभिनय ही नहीं लेखन से लेकर निर्देशन में भी युवाओं की खासी रुचि दिखने लगी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 05:49 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 05:49 PM (IST)
देहरादून के युवा थिएटर को अब लेने लगे हैं गंभीरता से
देहरादून के युवा थिएटर को अब लेने लगे हैं गंभीरता से

देहरादून, विजय जोशी। देहरादून के युवा थिएटर को अब गंभीरता से लेने लगे हैं। अभिनय ही नहीं लेखन से लेकर निर्देशन में भी युवाओं की खासी रुचि दिखने लगी है। राजधानी में संस्कृति विभाग के सभागार में हाल में संपन्न हुए भारत रंग महोत्सव में भी युवाओं का यह क्रेज देखने को मिला। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की नाट्य प्रस्तुतियों से प्रेरणा लेने थिएटर प्रेमी यहां पहुंचे। यही नहीं, कई थिएटर ग्रुप यहां प्रस्तुति देते और रिहर्सल करते भी नजर आए। युवाओं में अपने भीतर के कलाकार तराशने की ललक भी साफ झलक रही थी। यह शानदार रंग महोत्सव दून के युवाओं को बहुत कुछ सिखा गया। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के छात्र भी यहां अपने अनुभव साझा कर गए। संस्कृति विभाग के सहयोग से दून में संपन्न हुए इस महोत्सव की सभी ने सराहना की। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि देहरादून में रंगमंच को एक नया 'मंच' मिलने जा रहा है।

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वाईफाई का आनंद

रेलवे स्टेशन तीन महीने बाद फिर गुलजार है। यहां तेज रफ्तार इंटरनेट के लिए मुफ्त वाई-फाई भी शुरू हो गया है। अब मुफ्त का इंटरनेट चलाने वाले भी बड़ी संख्या में स्टेशन का रुख करने लगे हैं। खासकर युवाओं की टोलियां स्टेशन परिसर में यहां-वहां बैठी नजर आ जाती हैं। सही भी है, जब मुफ्त में कोई सुविधा मिल रही हो तो उसका लाभ क्यों न उठाया जाए। वैसे अब इंटरनेट कोई बहुत महंगी चीज नहीं रही है, फिर भी मुफ्त में कुछ भी मिले, उसका मजा कौन छोडऩा चाहेगा। युवाओं के मोबाइल तो 24 घंटे इंटरनेट डाटा पर ही चलते हैं, ऐसे में जितना डाटा मिले उतना कम लगता है। यही वजह है कि हमारे होशियार युवा अपना डाटा बचाकर वाईफाई का आनंद लेने से कतई नहीं चूकते। क्योंकि ट्रेन पकडऩे की हड़बड़ी में स्टेशन पर यात्रियों के पास वाईफाई से इंटरनेट चलाने का समय भी नहीं होता है।

दिल्ली की शिक्षा

हाल ही में दिल्ली में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव की चर्चा तो देशभर में रही। दून का युवा वर्ग भी इस पर अपनी राय रखता नजर आया। चुनाव परिणाम आने से पहले ही अधिकांश लोग अरविंद केजरीवाल की तारीफ करते दिखे। तारीफ का सबसे बड़ा कारण दिल्ली में सरकारी शिक्षा व्यवस्था में आया सुधार रहा। दिल्ली के स्कूलों और शिक्षा के स्तर को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा भी लाजमी है। इसी को आधार मानते हुए केजरीवाल की जीत के दावे किए जाने लगे। हुआ भी यही कि दिल्ली की सरकारी शिक्षा को ऊपर उठता देख राजधानी के लोगों ने आम आदमी पार्टी पर ही भरोसा जताया और पांच साल आगे भी इसी प्रकार कार्य करने का मौका दिया। दून के युवा भी इसे मॉडल मानते हुए उत्तरखंड में सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने और शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने को प्रदेश सरकार से यही अपेक्षा रखते हैं।

परीक्षा की तैयारी

सीबीएसई समेत राज्य बोर्ड की परीक्षाओं का काउंटडाउन शुरू हो गया है। जल्द परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। ऐसे में छात्रों की तैयारी भी जोर पकड़ चुकी है। प्रतिस्पर्धा के वातावरण में छात्र-छात्राएं टॉप करने की होड़ में जुट गए हैं। एक भी अंक कम न हो जाए, इसके लिए टाइम मैनेजमेंट और हैंड राइटिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कोचिंग सेंटर भी छात्रों को परीक्षा में अच्छे अंक पाने के गुर सिखा रहे हैं।

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खेलकूद कम और पढ़ाई का समय बढ़ गया है। रिविजन, स्व:अभ्यास से छात्र खुद को पूरी तरह तैयार करना चाहते हैं। वहीं, माता-पिता भी बच्चों को ज्यादा डिस्टर्ब नहीं कर रहे। बस खाना खाने को आवाज लगा दी तो ठीक, वरना बच्चों को पढ़ाई पर फोकस करने दो। यही वातावारण लगभग हर उस घर में है, जहां बच्चा 10वीं या 12वीं में है। चिंता भी जरूरी है। क्योंकि बोर्ड है, हल्के में नहीं लेना।

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