Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    नशामुक्ति केंद्र में युवक की मौत, शव घर के बाहर फेंककर चला गया स्टाफ; हाथ टूटे व शरीर पर चोट के निशान

    By Soban singhEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Tue, 11 Apr 2023 12:19 PM (IST)

    नशा मुक्ति केंद्र में 24 वर्षीय युवक की मौत हो गई। जिसके बाद केंद्र का स्‍टाफ मृतक के शव को घर के बाहर छोड़कर चला गया। मृतक के शव पर पर चोटों के निशान भी हैं। क्लेमेनटाउन पुलिस ने केंद्र के कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है।

    Hero Image
    Dehradun News: स्‍वजनों ने हंगामा कर दिया और टर्नर रोड जाम कर दी।

    टीम जागरण, देहरादून: Dehradun News: चंद्रबनी स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में 24 वर्षीय युवक की मौत के बाद हंगामा हो गया। केंद्र का स्टाफ मृतक के शव को घर के बाहर छोड़कर चला गया। बताया जा रहा है कि युवक पिछले माह से अराध्या फाउंडेशन में भर्ती था। मृतक के शव पर पर चोटों के निशान भी हैं। क्लेमेनटाउन पुलिस ने केंद्र के कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्वजनों ने टर्नर रोड जाम कर दी

    जानकारी के मुताबिक चंद्रबनी में पिछले कुछ दिन से नशा छुड़ाने के लिए आराध्य नशामुक्ति केंद्र में दाखिल युवक के मौत हो गई। जिस पर स्‍वजनों ने हंगामा कर दिया और टर्नर रोड जाम कर दी है।

    युवक के शरीर पर चोटों के निशान दिख रहे हैं। मृतक के हाथ पांव बुरी तरह से तोड़े हुए हैं। स्‍वजनों ने मृतक के शव को कमरे में बंद कर हंगामा शुरू कर दिया है। मौके पर सीओ सदर पंकज गैरोला व पुलिस टीम पहुंच चुकी है। स्वजनों की मांग है कि आरोपितों को यहां पर लाया जाए और डीएम घटना का संज्ञान लेकर नशा मुक्ति केंद्र को बंद करवाएं।

    सिद्धार्थ के हाथ तोड़े हुए हैं और शरीर पर चोटों के निशान हैं

    मृतक सिद्धार्थ उर्फ सिद्धू की बहन गुंजन ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 7:00 बजे वह घर पर सो रहे थे। इसी दौरान अचानक एक कार आई और उनके भाई को घर के बाहर फेंक कर चली गई। वह सिद्धार्थ को कमरे के अंदर ले गए जहां उसकी सांस नहीं चल रही थी। सिद्धार्थ के हाथ तोड़े हुए हैं और पीठ व शरीर के निचले हिस्‍सों पर चोटों के निशान हैं।

    गुंजन ने बताया कि सिद्धार्थ नशा करता था, जिसके कारण उसे 19-20 मार्च नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल कराया गया था। नशा मुक्ति केंद्र वालों ने उनसे पांच हजार रुपये प्रति माह लिया था और छह महीने इलाज करने की बात कही थी।

    न तो मिलने देते थे, न फोन पर बात करने देते थे

    नशामुक्ति केंद्र वाले न तो मिलने देते थे और न ही फोन पर बात करने देते थे। सिद्धार्थ के माता पिता कि कुछ समय पहले मृत्यु हो चुकी है। वह अपने बड़े भाई और चार बहनों के साथ क्लेमेनटाउन के टर्नर रोड गली नंबर एक में रहता था।

    नशामुक्ति केंद्र से 14 मरीज हो गए फरार, हड़कंप

    वहीं हरिद्वार रोड स्थित नशामुक्ति केंद्र से 14 मरीज फरार हो गए। घटना उस समय हुई जब कुछ मरीज सहरी खाने के लिए उठे थे। मरीजों के लापता होने से प्रबंधन में हड़कंप मच गया। सभी मरीजों के अपने घर आने की जानकारी के बाद प्रबंधन ने राहत की सांस ली। सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के हरिद्वार रोड पर बेलड़ा गांव के पास एक नशामुक्ति केंद्र है। नशामुक्ति केंद्र में करीब 14 मरीजों का नशा की लत छुड़ाने के लिए उपचार चल रहा था। इनमें कुछ मरीजों ने रोजा भी रखा था।

    रोजा रखने वाले मरीजे सुबह चार बजे उठ जाते थे। इनके साथ अन्य मरीज भी उठ जाते थे। नशामुक्ति केंद्र के कर्मचारी रोजेदारा मरीजों के लिए सहरी का प्रबंध करते थे। पिछले कुछ समय से यह सिलसिला चल रहा था, जिसके चलते कर्मचारी इन मरीजों की तरफ से निश्चिंत हो गए थे और इनकी निगरानी भी कम कर दी थी। रविवार की सुबह चार बजे मरीज सहरी के लिए उठ गए, जबकि सभी कर्मचारी सोते रहे।

    इसका फायदा उठाते हुए सभी मरीज नशामुक्ति केंद्र से भाग गए। सुबह करीब छह बजे जब कर्मचारी सो कर उठे, तो सभी मरीजों को गायब देख इनके होश उड़ गए। आननफानन इनकी तलाश की गई। दोपहर के समय जब स्वजन से संपर्क साधा तो पता चला कि सभी मरीज अपने-अपने घर चले गए हैं। इसके बाद नशामुक्ति केंद्र के प्रबंधन ने राहत की सांस ली। इस बावत सिविल लाइंस कोतवाली के उप निरीक्षक बारु सिंह चौहान ने बताया कि पुलिस को मरीजों के फरार होने की कोई सूचना नहीं दी गई है।