Dehradun Disaster: नौसेना में भर्ती होकर नापना था समुंदर, अब मलबे में सांसों की तलाश
देहरादून के कार्लीगाड़ में बादल फटने से मंझाड़ा गांव में तबाही मची। 24 वर्षीय अंकित रावत जो ग्रामीणों की मदद के लिए पंचायत घर गया था मलबे में बह गया और लापता है। अंकित अपने परिवार का सहारा बनना चाहता था और नौसेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था। उसके लापता होने से परिवार में मातम छाया है।

विजय जोशी, जागरण देहरादून। आपदा की वह रात… जब कार्लीगाड़ की घाटी में आसमान अचानक फटा और पहाड़ से मौत का मलबा बरस पड़ा। चीख-पुकार, अफरा-तफरी और भागती-फांदती जिंदगियां। इसी अफरा-तफरी के बीच रात की नींद तो उड़ी ही मंझाडा गांव के लोगों ने भी बारिश थमने पर सुरक्षित ठौर खोजने शुरू किए। मंझाड़ा का 24 वर्षीय अंकित रावत भी गांववालों की मदद के लिए पंचायत घर पहुंचा। उसे क्या पता था कि उसी पंचायत घर की दीवार कुछ ही पलों बाद उसकी सांसें भी निगल लेगी।
देहरादून के कार्लीगाड़ में बादल फटने से आई आपदा ने तीन परिवारों को तोड़ कर रख दिया। यहां रात को बादल फटने के बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। कार्लीगाड़ के सामने स्थित मंझाडा गांव के कुछ लोगों ने सतर्कता बरतते हुए पंचायत घर में सामान रखने की सोची।
यहां गांव का होनहार युवक अंकित भी मदद करने पहुंच गया। कुल चार लोग पंचायत घर में ग्रामीणों का सामान रखने लगे। इस बीच आसमान से दोबारा मौत की बारिश शुरू हो गई और सुबह करीब आठ बजे पहाड़ियों से भरभराकर मलबा आ गया। जिसमें पंचायत घर की दीवार धराशायी हो गई और अंकित समेत चार लोग मलबे के साथ बह गए।
एक व्यक्ति मोहन सिंह कुछ दूरी पर ही किनारे आ गया और उसकी जान बच गई। हालांकि, मोहन की टांग की हड्डी टूट गई है। वहीं, अंकित रावत के साथ ही दो अन्य श्रमिक लापता हैं। अंकित के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। उसके पिता मोहर सिंह रावत मजदूरी करते हैं और माता भी खेतीबाड़ी कर परिवार चलाती हैं। अंकित के दो भाई और दो बहने हैं। बड़े भाई के साथ ही अपने पूरे परिवार का सहारा बनने का सपना लेकर 24 वर्षीय अंकित पिछले काफी समय से भारतीय नौसेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था।
पूर्व प्रधान रतन सिंह नेगी ने बताया कि अंकित बेहद होनहार था और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। नौसेना में शामिल होकर वह समुंदर की यात्रा करना चाहता और अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना चाहता था। अंकित ने कई बार अपने बूढ़े माता-पिता से कहा कि वह जल्द ही नौसेना में भर्ती हो जाएगा और फिर उनके परिवार को कोई कमी नहीं होगी।
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