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Year Ender News 2023: लव जिहाद से लेकर UCC तक… उत्तराखंड में इस साल विवादों में रहे ये मुद्दे

Year Ender 2023 वर्ष 2023 में उत्तराखंड के लिए मिलाजुला परिणाम देने वाला साल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में जहां एक ओर इस साल राज्य के पर्यटन व विकास कार्य में कई कीर्तिमान स्थापित हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर उत्तरकाशी टनल हादसा जोशीमठ भूस्खलन जैसी कई बड़ी ट्रेजेडी भी हुईं है। यूसीसी जैसे कई ऐसे बड़े विवादित मुद्दे भी धामी सरकार के सामने आए हैं।

By Riya.Pandey Edited By: Riya.Pandey Published: Fri, 29 Dec 2023 05:28 PM (IST)Updated: Fri, 29 Dec 2023 05:28 PM (IST)
Year Ender 2023: उत्तराखंड में इस साल विवादों में रहे ये मुद्दे

डिजिटल डेस्क, देहरादून। Year Ender 2023: वर्ष 2023 में उत्तराखंड के लिए मिलाजुला परिणाम देने वाला साल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में जहां एक ओर इस साल राज्य के पर्यटन व विकास कार्य में कई कीर्तिमान स्थापित हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर उत्तरकाशी टनल हादसा, जोशीमठ भूस्खलन जैसी कई बड़ी ट्रेजेडी भी हुईं है। इसके अलावा लव जिहाद, लैंड जिहाद व समान नागरिक संहिता (यूसीसी) जैसे कई ऐसे बड़े विवादित मुद्दे भी धामी सरकार के सामने आए हैं, जिनसे निपटने की कवायद अब भी जारी है। 

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साल 2023 के जाते-जाते बात कर लेते हैं उत्तराखंड में इस साल हुए सबसे विवादित मुद्दों की… 

वर्ष 2023 में उत्तराखंड के सबसे विवादित मुद्दे

लव जिहाद (Love Jihad)

उत्तराखंड में इस साल लव जिहाद सबसे अधिक विवाद में रहे। जानबूझकर विवाह या गुप्त एजेंडे के जरिये हिंदू समुदाय की युवतियों का अन्य समुदाय के युवकों द्वारा धर्म परिवर्तन कराने का मुद्दा सामने आया था।

इन मुद्दों में सबसे ज्यादा आक्रोश उत्तरकाशी में देखा गया। 26 मई, 2023 को उत्तरकाशी के पुरोला में नाबालिग को भगाने का प्रयास करने पर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर निवासी उबेद खान और जितेंद्र सैनी को गिरफ्तार किया था। 

यह मामला शांत नहीं हो पाया था कि आठ जून, 2023 को उत्तरकाशी के ही मोरी में एक मुस्लिम युवक ने दो सगी नाबालिग बहनों को भगा ले जाने का प्रयास किया। पुरोला सहित चिन्यालीसौड़, डुंडा, नैनबाग, भटवाड़ी समेत अन्य हिस्सों में भी व्यापारी, हिंदू संगठन और स्थानीय लोगों का मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विरोध देखने को मिला।

इस विरोध के चलते पुरोला में दो सप्ताह से मुस्लिम व्यापारियों की दुकानें बंद रहीं थी। इस मामले में विरोध के चलते कई मुस्लिम व्यापारियों को दुकान खाली करके जाना पड़ा।

लव जिहाद के मामलों को लेकर पहले से मौजूद है लेकिन इसके बावजूद अब लव जिहाद पर सख्त कानून बनाने को शासन की कवायद जारी है।

लैंड जिहाद (Land Jihad)

उत्तराखंड में लव जिहाद के बाद लैंड जिहाद का मुद्दा सालभर बना रहा। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देवभूमि के सनातन स्वरूप को बनाए रखने के लिए लैंड जिहाद को लेकर हरसंभव कदम उठाया है। 

इस क्रम में राज्य में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनी एक हजार से ज्यादा मजारें चिह्नित कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। वहीं लैंड जिहाद पर प्रहार को सरकार सख्त कानून लाने की तैयारी में है। सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों को स्वयं ही कब्जा छोड़ देने का अल्टीमेटम दिया जा चुका है।

जूस जिहाद (Juice Jihad)

उत्तराखंड में लव जिहाद और लैंड जिहाद के बाद, एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था और वह था जूस जिहाद का मामला। इस मामले में हिंदू जागरण मंच के पदाधिकारियों ने कुछ जूस विक्रेताओं पर पहचान छिपाकर दुकान चलाने और जूस में केमिकल मिलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जूस में कोई केमिकल मिलाकर ये विक्रेता बेच रहे हैं, जिससे लोगों के स्वास्थ्य और जान को खतरा है। 

समान नागरिक संहिता (UCC)

उत्तराखंड की धामी सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड) को साल 2024 में राज्य में लागू करने का संकल्प लिया है। इसके लिए तेजी से कदम बढ़ रहे हैं। यूसीसी कानून बनाने के लिए मुख्यमंत्री धामी ने विशेषज्ञ समिति बनाई है। इस समिति ने सरकार के सामने एक ड्राफ्ट पेश कर दिया था लेकिन इसमें संशोधन के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सभी वर्गों, धर्मों व राजनीतिक दलों से संवाद के बाद समान नागरिक संहिता कानून तैयार किया जाएगा। साल 2024 में यह कानून लागू करने वाला उत्तराखंड नया राज्य बनेगा।

स्वामी प्रसाद मौर्य का बदरीनाथ पर विवादित बयान

वर्ष 2023 में उत्तराखंड में विवादित मुद्दों में समाजवादी पार्टी (सपा) नेता का बदरीनाथ पर बयान भी टॉप 5 में बना रहा। सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने अब उत्तराखंड के पवित्र धार्मिक स्थल बदरीनाथ धाम को लेकर विवादित बयान दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि बदरीनाथ 8वीं सदी तक बौद्ध धर्म स्थल था और बौद्ध धार्मिक स्थल खत्म करके बदरीनाथ मंदिर बनाया गया है।

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सपा नेता के बदरीनाथ पर दिए इस बयान के बाद से साधु-संतों में रोष रहा। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा भी उन्हें खूब घेरा और विरोधियों पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि कम से कम स्वामी प्रसाद मौर्य को ऐसे बयान देने से पहले ध्यान देना चाहिए क्योंकि उनके नाम के आगे स्वामी है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के एक सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी के एक नेता की ओर से दिया गया यह बयान कांग्रेस और उसके सहयोगियों की देश व धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है।

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