उत्तराखंड में बन रही दुनिया की सबसे बड़ी रेल टनल, जिसकी खोदाई में रेलवे ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
Rishikesh Karnprayag Rail Project उत्तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत बन रही यह सुरंग दुनिया की सबसे लंबी रेल सुरंग है। रेलवे ने 413 मीटर प्रति माह की औसत से खुदाई करके विश्व रिकॉर्ड बनाया है। 14.57 किलोमीटर लंबी इस सुरंग का काम दिसंबर 2022 में शुरू हुआ था। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस परियोजना को अद्भुत बताया है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Rishikesh Karnprayag Rail Project : निर्माणाधीन ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत सौड़-जनासू 14.57 किलोमीटर लंबी सुरंग का पहला ब्रेकथ्रू सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी की मौजूदगी में ब्रेकथ्रू किया गया।
परियोजना में लगी टीबीएम शक्ति मशीन ने सफलतापूर्वक सुरंग का ब्रेकथ्रू पूरा कर लिया है, जबकि ‘शिवा’ से जुलाई 2025 तक कार्य पूरा होने की उम्मीद है। बुधवार को जनासू के समीप रेलवे परियोजना के तहत निर्माणाधीन सौड़-जनासू रेलवे मुख्य सुरंग का ब्रेकथ्रू हुआ।
सुरंग आर-पार होते ही परियोजना में लगे कर्मचारी, अधिकारी व मजदूर खुशी से झूम उठे। सभी वंदे मातरम के नारों के साथ जश्न मनाते हुए एक दूसरे को गले लगाया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मौके पर पहुंच निर्माण कार्य की प्रगति देखी और टीम का उत्साहवर्धन किया।
विश्व की सबसे बड़ी रेल टनल
जनासू टनल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के साथ ही विश्व की सबसे बड़ी रेल टनल है। सोलह दिसंबर 2022 से टनल पर काम शुरू हुआ था। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल 2026 तक परियोजना की सभी टनलों को आर-पार (ब्रेक-थ्रू) कर दिया जाएगा।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की कुल लंबाई 125 किलोमीटर है। इसमें से 105 किलोमीटर रेल सुरंग के अंदर से जाएगी। देवप्रयाग से जनासू तक परियोजना की सबसे बड़ी रेल सुरंग है।
रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के उप महाप्रबंधक सिविल ओपी मालगुड़ी ने बताया कि सुरंग की कुल लंबाई 14.57 किलोमीटर है। यह इस परियोजना की ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी रेल सुरंग है। इस सुरंग पर सोलह दिसंबर 2022 में काम शुरू किया गया। बुधवार को सुरंग ब्रेक-थ्रू हो गई। रेलवे ने 413 मीटर प्रति माह की औसत से सुरंग की खोदाई की। इसके लिए सिंगल शील्ड टीबीएम मशीन का उपयोग किया गया। यह रेलवे की सबसे तेज खोदाई है और वर्ल्ड रिकार्ड है। बाकी सुरंगों में ड्रिल-ब्लास्ट तकनीक से काम हुआ। परियोजना में कुल 16 सुरंग है। जिसमें 46 ब्रेक-थ्रू में से 37 ब्रेक-थ्रू हो चुके हैं। नौ ब्रेक-थ्रू और होने हैं। अप्रैल 2026 में काम पूरा हो जाएगा।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट की दुनिया में चर्चा: रेल मंत्री
ऋषिकेश: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल अद्भुत प्रोजेक्ट है। इसकी चर्चा पूरी दुनिया में है। आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल परियोजना में किया जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बुधवार को उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के जनासू रेल सुरंग के ब्रेक-थ्रू को लेकर होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने से पहले वह परियोजना के तहत बने योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के निरीक्षण को पहुंचे। । करीब पंद्रह मिनट तक उन्होंने रेलवे स्टेशन परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने परिसर में लगे एक स्टाल में चाय पी और अपने साथ आए लोगों को चाय पिलाने के बाद आनलाइन उसका भुगतान किया।
इसके बाद मीडिया कर्मियों से संक्षिप्त बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया ऋषिकेश-कर्णप्रयाग का अद्भुत प्रोजेक्ट दिया है। यह परियोजना अपनी तकनीक, सुरगों को लेकर पूरे विश्व में चर्चा में है। इसके निर्माण में नई तकनीक का प्रयोग हो रहा है। सांस्कृतिक भावनाओं के अनुरूप परियोजना चल रही है। इस दौरान सांसद अनिल बलूनी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, महापौर शंभू पासवान, पूर्व महापौर अनीता ममगाईं, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज ध्यानी, शिव कुमार गौतम आदि मौजूद रहे।
प्रधामंत्री ने किया लोगों का सपना पूरा
पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से काम हो रहा है। उम्मीद जताई की 2027 के शुरूआत के आसपास काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों का सपना था कि यहां रेल पहुंचे, उन्हें लगता था कि यह पूरा हो पाएगा या नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सपने को पूरा किया। बदरीनाथ-केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को लाभ मिलेगा। यह सांस्कृतिक विरासत को और मजबूत करेगा।
रायवाला में करें सभी ट्रेनों का स्टापेज
ऋषिकेश : पूर्व महापौर अनिता ममगाईं ने योगनगरी रेलवे स्टेशन पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन सौंपा। जिसमें आग्रह किया कि ऋषिकेश गढ़वाल मंडल का प्रवेश द्वार और धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण शहर है। लोगों को लंबी दूरी की ट्रेन हरिद्वार या देहरादून से पकड़नी पड़ती है। देहरादून से आने वाली सभी ट्रेनों का स्टापेज रायवाला स्टेशन पर करने का आग्रह किया।
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