Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    World Hepatitis Day 2020: उत्‍तराखंड में हेपेटाइटिस-सी पर अब होगा चौतरफा वार

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 28 Jul 2020 09:11 PM (IST)

    World Hepatitis Day 2020 उत्‍तराखंड में हेपेटाइटिस-सी की गिरफ्त में आए लोगों को अगले कुछ वक्त में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। इसके के लिए जिला स्तर पर सेंटर शुरू किए जाएंगे।

    World Hepatitis Day 2020: उत्‍तराखंड में हेपेटाइटिस-सी पर अब होगा चौतरफा वार

    देहरादून, जेएनएन। World Hepatitis Day 2020 हेपेटाइटिस-सी की गिरफ्त में आए लोगों को अगले कुछ वक्त में प्रदेशभर में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। इसके के लिए जिला स्तर पर सेंटर शुरू किए जाएंगे। जहां न केवल मरीजों की स्क्रीनिंग, बल्कि उनका उपचार भी होगा। नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत अभी यह व्यवस्था सिर्फ दून मेडिकल कॉलेज, एम्स ऋषिकेश, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल ऊधमसिंहनगर व कोरोनेशन अस्पताल में ही है। वहीं, निजी क्षेत्र में इलाज कराने पर 40-50 हजार रुपये खर्च आता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें, हेपेटाइटिस-सी रोग के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। अलग-अलग अध्ययनों के मुताबिक, परेशानी की बात यह है कि अभी तक जो संक्रमित मरीज मिले हैं, उनमें 90 प्रतिशत को रोग के बारे में तब पता चला जब किसी और इलाज के लिए उनकी खून की जांच कराई गई। यह वायरस खून के जरिये शरीर में जाकर धीरे-धीरे लिवर की कोशिकाओं को नष्ट करता है। जब रोगी को लिवर सिरोसिस या लिवर कैंसर होता है तो बीमारी पकड़ में आती है। 

    इसका इलाज इतना महंगा है कि बहुत से रोगी इलाज ही नहीं करा पाते। यहां गौर करने वाली बात यह है कि पांच साल पहले तक इलाज में चार से आठ लाख रुपये खर्च आता था। बाद में, भारतीय कंपनियों के दवाएं बनाने के बाद इलाज का खर्च कम हो गया।

    उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व लक्सर के हस्तमौली गांव में हेपेटाइटिस-सी का संक्रमण कहर बनकर टूटा था। दो सौ से अधिक लोग के इसकी चपेट में आने से विभाग के भी हाथ-पांव फूल गए थे। यहां तक कि खानपुर विधायक कुंवर प्रणव चैम्पियन ने मामला विधानसभा में उठाया था।

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों की सेहत नासाज, पगडंडियों पर दम तोड़ देते हैं कई मरीज

    गौर करने वाली बात

    हेपेटाइटिस-सी संक्रमित खून से फैलता है। असुरक्षित यौन संबंधों के अलावा संक्रमित खून चढ़ने, संक्रमित उस्तरे से दाढ़ी बनवाने, मुंडन करवाने, संक्रमित सुई चुभने से होता है। यह रोग अभी तक लाइलाज कहलाता रहा। इसकी कोई वैक्सीन नहीं है। प्रतिरोधक क्षमता कम करने वाली (इम्यूनोसप्रैसिव) दवाओं के जरिये वायरस को शरीर से बाहर किया जाता है। वहीं, हेपेटाइटिस-बी की वैक्सीन है, लेकिन संक्रमण हो जाने के बाद रोगी को जीवन भर इसे दबाने की दवा खानी पड़ती है।

    यह भी पढ़ें: World Population Day 2020: जिस रोजगार को जड़ों से उखड़े, अब वही माटी से जोड़ेगा

    comedy show banner
    comedy show banner