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    उत्‍तराखंड में महिलाओं को आपदा प्रबंधन के गुर सिखाएंगी 1557 सखी, ये होंगी जिम्‍मेदारियां

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 09:22 AM (IST)

    उत्तराखंड प्रदेश में आपदा प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 1557 आपदा सखी तैयार की जा रही हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने यूएसडीएमए को इनकी सूची सौंपी है। ये आपदा सखी मास्टर ट्रेनर के रूप में महिलाओं और बच्चों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देंगी। सरकार का उद्देश्य आपदा के समय सामुदायिक स्तर पर तत्परता बढ़ाना है।

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    महिलाओं को आपदा प्रबंधन के गुर सिखाएंगी 1557 सखी। प्रतीकात्‍मक

    केदार दत्त, जागरण देहरादून। समूचा उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बेहद संदेनशील है। आपदा की स्थिति में महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इस सबको देखते हुए सरकार अब आपदा प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने जा रही है।

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    इसी कड़ी में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को आपदा सखी के रूप में तैयार किया जा रहा है।

    इसके लिए मिशन के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सभी जिलों में 1557 आपदा सखी चयनित कर इसकी सूची यूएसडीएमए (उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी) को भेज दी है। अब यूएसडीएमए इनके लिए प्रशिक्षण माड्यूल तैयार कर रहा है, ताकि ये मास्टर ट्रेनर के तौर पर अपने-अपने जिलों में महिलाओं और स्कूली बच्चों को आपदा प्रबंधन के गुर सिखा सकें।

    अतिवृष्टि, भूस्खलन, बादल फटना, बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से उत्तराखंड निरंतर जूझता आ रहा है। इसे देखते हुए सामुदायिक स्तर पर आपदा प्रबंधन को सशक्त करने के लिए पहल की जा रही है। आपदा सखी इसी कड़ी का हिस्सा है।

    असल में राज्य में ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 67,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे लगभग पांच लाख महिलाएं जुड़ी हैं। इन समूहों को मजबूती देने के लिए 7413 ग्राम संगठन और 519 क्लस्टर संगठन गठित किए गए हैं। इससे महिलाओं का सामूहिक नेतृत्व एवं संस्थागत ढांचा सशक्त हुआ है। इसी के मद्देनजर क्लस्टर स्तरीय संगठन से जुड़ी तीन-तीन महिलाओं का चयन आपदा सखी के रूप में किया गया है।

    आपदा सखी के ये होंगे दायित्व

    • ग्राम स्तर पर आपदा से पूर्व, आपदा के दौरान व उपरांत त्वरित सूचना संप्रेक्षण।
    • महिलाओं के अलावा स्कूलों में बच्चों को सिखाएंगी आपदा प्रबंधन के गुर।
    • जोखिम आकलन, राहत व बचाव कार्य में सहयोग।
    • प्रशासन और समुदाय के बीच सेतु की भूमिका।

    जिलेवार चयनित आपदा सखी

    • जिला, संख्या
    • पौड़ी, 243
    • अल्मोड़ा, 165
    • टिहरी, 150
    • चमोली, 144
    • नैनीताल, 132
    • पिथौरागढ़, 123
    • ऊधम सिंह नगर, 111
    • देहरादून, 105
    • उत्तरकाशी, 99
    • हरिद्वार, 96
    • चंपावत, 81
    • बागेश्वर, 57
    • रुद्रप्रयाग, 51

    चयनित आपदा सखी के लिए जल्द ही आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। इन्हें मास्टर ट्रेनर के तौर पर तैयार किया जाएगा और फिर ये ग्राम स्तर पर महिलाओं व बच्चों को प्रशिक्षित करेंगी। प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दृष्टिगत जिलाधिकारी इनके लिए कुछ मानदेय की व्यवस्था भी करेंगे। -विनोद कुमार सुमन, सचिव आपदा प्रबंधन