सहभागिता की मिशाल पेश कर रही हैं चकजोगीवाला की महिलाएं, जानिए
देहरादून के रायवाला के चकजोगीवाला गांव में एकता स्वयं सहायता से जुड़ी महिलाओं ने 10 बीघा खेत मे फूलों की खेती शुरू की है।
रायवाला, जेएनएन। सहभागिता से न केवल सुख-दुख बांटा जाता है बल्कि आर्थिक स्वावलंबन भी हासिल किया जा सकती है। सामूहिक रूप से फूलों की खेती शुरू करके चकजोगीवाला गांव की महिलाओं ने यह मिशाल पेश की है। एकता स्वयं सहायता से जुड़ी इन महिलाओं ने 10 बीघा खेत मे फूलों की खेती शुरू की है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत गठित एकता स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने आर्थिक स्वावलंबन के लिए कृषि का रास्ता चुना है। इसके लिए परंपरागत धान-गेहूं की खेती के बजाय मुद्रादायिनी फसल के रूप में गेंदा के फूलों की खेती करने का निर्णय लिया गया। सबसे पहले गेंदा फूल की पौध तैयार की गई। इन दिनों खेत तैयार कर पौध लगाने का काम शुरू हो गया।
समूह की अध्यक्ष सीमा ने बताया कि सभी महिलाएं पौध उगाने से लेकर बेचने तक सभी कार्य मिलजुल करेगीं। फिलहाल 10 बीघा खेत चुनकर उसमें फूल लगाए गए हैं। हरिद्वार व ऋषिकेश में फूलों की काफी मांग है। उनको उम्मीद है कि फूलों की खेती से सभी महिलाएं को अच्छा मुनाफा मिलेगा।
एनआरएलएम के ब्लॉक समन्वय सूरज चमोली ने बताया कि समूहों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं के जरिये मदद दी जाती है। फूलों की खेती के लिए बीज व कीटनाशक के रूप में उद्यान विभाग मदद करेगा। फूलों की बिक्री के लिए भी सहयोग किया जाएगा ताकि महिलाओं को फूलों की बिक्री के लिए परेशान नहीं होना पड़े।
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