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    Uttarakhand News: महिला सशक्तीकरण को संचालित होगा ‘तेरे मेरे सपने’ अभियान, इन दो आयोग ने सहमति पत्र पर किए हस्ताक्षर

    Updated: Fri, 13 Jun 2025 10:11 AM (IST)

    उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सेतु आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग ने तेरे मेरे सपने अभियान के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं को कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न और घरेलू हिंसा से बचाना शादी से पहले संवाद को प्रोत्साहित करना और कौशल विकास के माध्यम से सशक्त बनाना है।

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    प्रदेश में ‘तेरे मेरे सपने’ अभियान के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग और सेतु आयोग के बीच एमओयू हुआ।साभार: सेतु आयोग

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण को गति देने के लिए सेतु आयोग ने पहल की है। महिलाओं को कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न और घरेलू हिंसा से बचाव की जानकारी के साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस संबंध में सेतु आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग ‘तेरे मेरे सपने’ विशेष अभियान संचालित करने को सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।

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    सचिवालय में गुरुवार को सहमति पत्र पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा विजया राहटकर और सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने हस्ताक्षर किए। इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं को कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा (पाश), घरेलू हिंसा से बचाव, शादी से पहले संवाद और कौशल विकास के माध्यम से सशक्त बनाना है । इसके अंतर्गत राष्ट्रीय महिला आयोग अपने व्यापक अनुभव का लाभ महिलाओं को बांटेगा और उन्हें प्रशिक्षण भी देगा।

    इस अवसर पर सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने कहा कि यह कदम पुष्कर सिंह धामी सरकार की महिला सशक्तीकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राज्य में समाज में बदलाव तेजी से हो रहा है, महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण बहुत जरूरी है।

    कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न के बारे में जागरूकता बढ़ाने से महिलाओं की गरिमा की रक्षा होती है और लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलता है। शादी से पहले संवाद युवाओं को अच्छे और सम्मानजनक संबंध बनाने के लिए तैयार करता है, जिससे घरेलू हिंसा भी कम हो सकती है।

    राष्ट्रीय महिला आयोग की विजया राहटकर ने कहा, उत्तराखंड में महिलाएं बदलाव की धुरी बन रही हैं। ऐसे में राज्य में ऐसे अभियानों की बहुत आवश्यकता है। ''तेरे मेरे सपने'' मात्र अभियान नहीं, बल्कि महिला गरिमा और सुरक्षा के लिए मजबूत पहल है। बैठक में राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कंडवाल, शासन के वरिष्ठ अधिकारी, महिला सशक्तीकरण, शिक्षा सामाजिक कल्याण विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।