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उपनेता प्रतिपक्ष माहरा के साथ बदसलूकी पर कांग्रेस का हंगामा, दिया धरना

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 08:41 PM (IST)
उपनेता प्रतिपक्ष माहरा के साथ बदसलूकी पर कांग्रेस का हंगामा, दिया धरना
उपनेता प्रतिपक्ष माहरा के साथ बदसलूकी पर कांग्रेस का हंगामा, दिया धरना

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उपनेता प्रतिपक्ष करण माहरा के साथ बदसलूकी के आरोप को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा सत्र के दूसरे दिन बुधवार को सदन से लेकर सड़क तक अपना विरोध जताया। उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा ने विधानसभा परिसर में प्रवेश के दौरान पुलिस कर्मियों पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए इसे विशेषाधिकार हनन का मामला बताया और आरोपित पुलिस इंस्पेक्टर के निलंबन की मांग को लेकर विधानसभा के बाहर गेट के समक्ष सड़क पर धरने पर बैठ गए।

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सूचना मिलने पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश समेत तमाम अन्य कांग्रेसी विधायक भी विधानसभा की कार्यवाही से वाकआउट कर विधानसभा गेट पर धरनास्थल पर पहुंचे। हालांकि इस मामले में पहले पुलिस व सुरक्षाकर्मियों का कहना था कि विधायक नहीं, बल्कि उनके साथ आए लोगों के पास मांगे गए थे। इस मसले पर दिन भर चले मान-मनौवल के बाद देर शाम आरोपित इंस्पेक्टर द्वारा माफी मांगने पर कांग्रेसियों ने धरना समाप्त किया। 

बुधवार सुबह विधानसभा सत्र शुरू होने से ऐन पहले विधानसभा गेट पर उप नेता प्रतिपक्ष और विधायक करण महारा धरने पर बैठ गए। उनका आरोप था कि सुबह जब वह विधानसभा गेट पर पहुंचे तब पुलिस कर्मियों ने उनके वाहन को रोका और उनसे पास मांगा। जब उन्होंने पास दिखाया तो उनसे वाहन का पास मांगा गया और वाहन से नीचे उतरने को कहते हुए उनसे बदसूलकी की गई। इसके बाद जब वह इसके विरोध करते हुए बैठने लगे तो पुलिस कर्मियों ने फिर उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।

इस दौरान शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने भी उन्हें मनाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने। उप नेता प्रतिपक्ष के साथ बदसलूकी की बात सुन कर अन्य कांगे्रसी विधायकों ने आरोपित पुलिस कर्मी के निलंबन की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया। इस पर एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कांगे्रसी विधायकों को मनाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने। तब तक सदन की कार्यवाही शुरू हो चुकी थी।

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने इसे विधायक के विशेषाधिकार हनन का मामला बताया और इस पर तुरंत कार्रवाई की मांग की। इस पर ठोस कार्रवाई का आश्वासन न मिलने की बात कहते हुए उन्होंने अन्य विधायकों के साथ सदन से वाकआउट कर दिया और विधानसभा गेट के बाहर धरना स्थल पर पहुंच गए। मामला बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने पहले मार्शल, फिर विधानसभा सचिव जगदीश चंद्र और फिर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत को कांग्रेसी विधायकों के पास भेजा।

संसदीय कार्यमंत्री ने कांग्रेसी विधायकों को आरोपित पुलिस कर्मी को लाइन हाजिर कर मामले की जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बावजूद कांग्रेसी विधायक निलंबन की मांग पर अड़े रहे। दोपहर बाद विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह को वार्ता के लिए बुलाया। यहां घटना की सीसी फुटेज देखी गई। यह सीसी फुटेज मुख्यमंत्री कार्यालय भी भेजी गई। देर शाम आइजी गढ़वाल अजय रौतेला और एसएसपी निवेदिता कुकरेती आरोपित पुलिस इंस्पेक्टर महेश लखेड़ा को लेकर कांग्रेसी विधायकों से मिले। इंस्पेक्टर द्वारा माफी मांगने के बाद यह प्रकरण समाप्त हुआ। 

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