मसूरी में नहीं उत्तराखंड के इस हिल स्टेशन में दिखा विंटर लाइन का अद्भुत नजारा, पहुंचे सैलानी
उत्तराखंड के एक हिल स्टेशन में विंटर लाइन का अद्भुत नज़ारा दिखा, जो मसूरी में नहीं था। नैनीताल में दिखाई देने वाली इस दुर्लभ घटना को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे। विंटर लाइन अक्टूबर से फरवरी के बीच दिखाई देती है और यह धूल और नमी के कणों के कारण बनती है। पर्यटकों ने इस अद्भुत दृश्य को अपने कैमरों में कैद किया।

विंटर लाइन एक प्राकृतिक घटना है। जागरण
संवाद सूत्र, जागरण चकराता l पर्यटन स्थल चकराता में ठंड बढ़ने के साथ ही बुधवार शाम विंटर लाइन का अद्भुत नजारा दिखा। इसे स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने कैमरे में कैद किया। विंटर लाइन एक प्राकृतिक घटना है जो सूरज ढलने के दौरान क्षितिज पर लाल और पीली रेखाओं के रूप में दिखाई देती है।
इस नजारे को चकराता के ऊंचे पहाड़ों से देखा जा सकता है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसे आमतौर पर अक्टूबर के अंत से जनवरी के बीच देखा जा सकता है, खासकर जब मौसम साफ हो।
स्थानीय लोगों ने बताया कि विंटर लाइन का यह अनोखा प्राकृतिक नजारा केवल कुछ चुनिंदा स्थानों मसूरी और चकराता से ही दिखाई देता है। बताया जाता है कि सर्दी के मौसम में सूर्यास्त के बाद जब ठंडी और गर्म हवा की परतें आपस में मिलती हैं तो क्षितिज पर सुंदर रेखा बन जाती है। इसी को विंटर लाइन नाम दिया जाता है।
प्रकृति प्रेमी सेवानिवृत्त कैप्टन चेतन चौहान और विपिन डोभाल ने बताया कि विंटर लाइन का यह दृश्य चकराता की सर्द शाम को और मोहक बना देता है। होटल व्यवसायी सक्षम जोशी, युद्धवीर तोमर, वरुण सिंह, आशीष, प्रदीप तोमर और अनुपम तोमर का कहना है कि आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि की पूरी संभावना है, क्योंकि लोग इस दुर्लभ प्राकृतिक नजारे को देखने दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं। बर्फबारी होने पर तो चकराता में पर्यटकों की आमद काफी बढ़ जाती है।
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