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शिव को समर्पित सावन माह आज से शुरु, पर्वतीय क्षेत्रों में 19 जबकि मैदानी में 26 को होगा पहला सोमवार व्रत

भगवान शिव का पूजन में विशेष महत्व रखने वाला सावन महीना आज यानी शुक्रवार से शुरू हो गया है। संक्रांति से सावन मानने वाले पर्वतीय क्षेत्रों में इस बार महीने का पहला सोमवार का व्रत 19 जुलाई को होगा पर्वतीय क्षेत्र के अनुसार महीने में पांच सोमवार व्रत आएंगे।

By Sumit KumarEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 09:49 AM (IST)
शिव को समर्पित सावन माह आज से शुरु, पर्वतीय क्षेत्रों में 19 जबकि मैदानी में 26 को होगा पहला सोमवार व्रत
भगवान शिव का पूजन में विशेष महत्व रखने वाला सावन महीना आज यानी शुक्रवार से शुरू हो गया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: भगवान शिव का पूजन में विशेष महत्व रखने वाला सावन महीना आज यानी शुक्रवार से शुरू हो गया है। संक्रांति से सावन मानने वाले पर्वतीय क्षेत्रों में इस बार महीने का पहला सोमवार का व्रत 19 जुलाई को होगा, पर्वतीय क्षेत्र के अनुसार महीने में पांच सोमवार व्रत आएंगे। जबकि पूर्णिमा से पूर्णिमा तक सावन का व्रत रखने वाले मैदानी क्षेत्रों में 26 जुलाई से सावन का पहला सोमवार शुरु हो जाएगा, अंतिम व चौथा सोमवार 16 अगस्‍त को होगा।

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हिंदू मान्यताओं के अनुसार सावन या श्रावण महीने में जो व्यक्ति भगवान शिव की पूजा सच्चे मन से करता है उसकी मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं। इसके साथ ही कन्याओं कोसुयोग्य वर प्राप्ति का भी आशीर्वाद मिलने की मान्यता है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा की शुरुआत उनके अभिषेक के साथ होती है। जल, दूध, घी, शहद, शक्‍कर, गंगाजल आदि से अभिषेक कराया जाता है। इसके बाद बेलपत्र, दूब कुशा, कनेर, धतूरा चढ़ाकर श्रद्धालु मन्‍नत मांगते हैं। उत्‍तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्‍ता आचार्य बिजेंद्र प्रसाद ममगाईं के अनुसार, सावन महीना शिव की पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है, श्रद्धालुओं व्रत धारण कर इस दिन जलाभिषेक करते हैं। धार्मिक क्षेत्र के साथ ही सावन का प्रक2ति से भी गहरा संबंध है। क्‍योंकि इस महीने में वर्षा त्रतु होने से पूरी धरती बारिश से हरी भरी हो जाती है। इसी महीने में कांवड के रूप में गंगाजल लाया जाता है।

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पर्वतीय व मैदान में सावन के व्रत की यह है मान्‍यता

पर्वतीय क्षेत्र के लोग संक्रांति से संक्रति तक सावन मनाते हैं, संक्रांति 16 से शुरु हो जाएगी और पहला सोमवार 19 जुलाई, दूसरा 26 जुलाई, तीसरा दो अगस्‍त, चौथा नौ अगस्‍त जबकि अंतिम व पांचवां सोमवार 16 अगस्‍त को होगा। वहीं जबकि मैदानी क्षेत्रों में पूर्णिमा से पूर्णिमा तक सावन मनाया जाता है। ऐसे में मैदानी क्षेत्रों में पहला सोमवार 26 जुलाई से शुरु होगा, दूसरा दो अगस्‍त, तीसरा, नौ जबकि चौथा सोमवार 16 अगस्‍त को होगा।

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