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    गर्मी में पानी नहीं तो कैसा होगा हाल? बूंद-बूंद को तरस रहे ग्रामीण, उत्तराखंड के इस इलाके में पानी की किल्लत

    Updated: Mon, 10 Jun 2024 08:02 AM (IST)

    ग्रामीणों के मुताबिक करीब पांच महीने पहले जल जीवन मिशन के तहत गांव में नई पेयजल लाइन डाली गई थी। लाइन डालने के दौरान पुरानी लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। उनके अधिकतर कनेक्शन पुरानी लाइन से थे। इसलिए उनके घरों में पानी आना बंद हो गया। इस भीषण गर्मी के मौसम गांव के करीब 30 परिवारों को पानी के भटकना पड़ रहा है।

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    गर्मी में पानी नहीं तो कैसा होगा हाल? बूंद-बूंद को तरस रहे ग्रामीण

    संवाद सहयोगी, विकासनगर। आदुवाला क्षेत्र के जुडली गांव में पेयजल का संकट खड़ा हो रखा है। दिनभर पानी के इंतजाम के लिए ग्रामीणों को भटकना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने जल संस्थान की व्यवस्थाओं पर नाराजगी जताते हुए पेयजल आपूर्ति को बहाल करने की मांग भी की है। दरअसल, यह स्थिति पुरानी लाइन के टूटने की वजह से खड़ी हुई है।  जुडली गांव की आबादी 1300 के करीब है।

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    ग्रामीणों के मुताबिक करीब पांच महीने पहले जल जीवन मिशन के तहत गांव में नई पेयजल लाइन डाली गई थी। लाइन डालने के दौरान पुरानी लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। उनके अधिकतर कनेक्शन पुरानी लाइन से थे। इसलिए उनके घरों में पानी आना बंद हो गया। इस भीषण गर्मी के मौसम गांव के करीब 30 परिवारों को पानी के भटकना पड़ रहा है। उन्हें पानी का इंतजाम करने के लिए दूसरे स्थानों तक जाना पड़ रहा है।

    जल संस्थान से लोगों की गुहार

    ग्रामीण मोनू, जानकी, सुनीता, बाला देवी, इंदरपाल, सोनू गुप्ता ने बताया कि गर्मी के मौसम में पानी का प्रबंध करना भारी गुजर रहा है। जैसे-तैसे करके वे अपने लिए तो पानी का इंतजाम कर रहे हैं, लेकिन मवेशियों के लिए पानी जुटाना मुसीबत से कम नहीं है।

    उन्होंने जल संस्थान से पानी की व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग भी की है। उधर, इस संबंध में क्षेत्र के सहायक अभियंता सूरज कुमार ने बताया कि लाइन डालने के दौरान टूटी अधिकतर पेयजल लाइनों को ठीक कर लिया गया है। गर्मी में अधिक मांग के कारण कहीं-कहीं पानी नहीं आने या लो प्रेशर की समस्या को ठीक किया जा रहा है।

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