उत्तराखंड में गर्मी से राहत, बारिश से बढ़ रही लोगों की दुश्वारियां
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में मौसम भले ही राहतभरा हो, लेकिन यह दुश्वारियां भी खड़ी कर रहा है। भूस्खलन से जगह-जगह सड़कें बाधित हो रही हैं। इससे लोग परेशान हो रहे हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में मौसम भले ही राहतभरा हो, लेकिन यह दुश्वारियां भी खड़ी कर रहा है। केदारनाथ-तिलवाड़ा-घनसाली मार्ग पर भैंसवाड़ा के पास बारिश के दौरान मलबा आने से करीब आधे घंटे तक यातायात बाधित रहा।
केदारनाथ धाम में जोरदार बारिश के चलते यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ समेत अन्य जिलों में भी वर्षा हुई, जबकि कुछ स्थानों पर ओले गिरने से फसलों को क्षति पहुंची। पिथौरागढ़ जिले में घाट-पनार मार्ग पर चट्टान टूटकर गिरने से वहां करीब तीन घंटे तक यात्री फंसे रहे।
यही नहीं, चमोली जिले के देवाल में ओलावृष्टि से 16 बकरियों की मौत हो गई। उधर, मौसम विभाग के अनुसार सूबे में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है।
सूबे में उमड़े बदरा इन दिनों पर्वतीय इलाकों को भिगो रहे हैं। इससे वहां मौसम खुशगवार जरूर हो गया है, लेकिन यह दिक्कतें भी बढ़ाने लगा है। खासकर यात्रा मार्गों पर। रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथधाम समेत अन्य स्थानों पर तीन दिन से दोपहर बाद वर्षा का क्रम चल रहा है।
इससे पैदल यात्रियों के साथ ही घोड़ा और डंडी-कंडी से आवाजाही कर रहे यात्रियों को दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। यही नहीं, इससे केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों पर भी असर पड़ रहा है।
घनसाली-तिलवाड़ा-केदारनाथ मोटर मार्ग पर भैंसवाड़ा के पास बारिश के दरम्यान काफी संख्या में मलबा सड़क पर आ गिरा। इससे वहां सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। आधे घंटे बाद लोनिवि ने मलबा हटाने में सफलता पाई और तब जाकर वाहन निकल पाए।
वहीं, क्षेत्र का घनसाली-घुत्तू मार्ग रानीगढ़, जंगवाड़ा व धोपड़धार के पास मलबा आने से बंद हो गया है। उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के भंडारस्यूं पट्टी में शाम को जोरदार वर्षा और ओलावृष्टि से दो हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल समेत खुमानी, पुलम, आड़ू और अखरोट आदि फलों को नुकसान पहुंचा है। गंगोत्री, यमुनोत्री और भटवाड़ी में भी हल्की ओलावृष्टि हुई।
पिथौरागढ़ जिले में सुबह पांच बजे घिाट-पनार मोटर मार्ग पर चट्टान टूटने से मलबा सड़क पर आ गिरा। इससे अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, हल्द्वानी, गंगोलीहाट को आने-जाने वाले वाहन तीन घंटे से अधिक समय तक फंसे रहे। जेसीबी मशीनों से सड़क पर पड़े बोल्डर हटाए जाने के बाद आवागमन बहाल हो सका।
टनकपुर-तवाघाट मोटर मार्ग भी गुड़ौली के पास बोल्डर गिरने से घंटों बाधित रहा। वहां भी बड़ी संख्या में वाहन फंसे हैं। अल्मोड़ा, बागेश्वर के कुछ क्षेत्रों में तेज हवा चलने से कई घरों की टिन की छत उड़ गई। दूसरी ओर, पहाड़ों में हो रही बारिश के असर के फलस्वरूप मैदानी क्षेत्रों में हवा में हल्की ठंडक है। इससे उछाल भरते पारे पर अंकुश लगा है।
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